Jumu'atul-Wida: श्रीनगर में ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में "जमात-उल-विदा" की सामूहिक नमाज़ की अनुमति देने से अधिकारियों ने इनकार करते हुए मस्जिद को बंद करने का फैसला किया है. जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों ने आज (14 अप्रैल) सुबह 9.30 बजे जामा मस्जिद का दौरा किया और प्रबंधन को मस्जिद के गेट बंद करने के आदेश दिए.
दरअसल, जमात-उल-विदा की नमाज जामिया मस्जिद में सदियों से पारंपरिक रूप से आयोजित की जाती रही है. परंपरागत रूप से 5 लाख से अधिक लोगों के साथ जुमे-उल-विदा की पूर्व संध्या पर जामिया मस्जिद में बड़ी नमाज अदा की जाती है. लेकिन पुलिस ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए नमाज को नामंजूर कर दिया है. वहीं, शासी निकाय ने लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करार देते हुए फैसले की निंदा की है.
लाखों की तादाद में मुसलमानों को...
अंजुमन ने अधिकारियों के इस कदम का कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा, लाखों की तादाद में मुसलमानों को बहुत परेशानी हुई है जो परंपरागत घाटी के सभी हिस्सों से जामिया मस्जिद में रमजान के आखिरी और अन्य शुक्रवार को नमाज अदा करने आते हैं. दरअसल, श्रीनगर के ईदगाह में ईद की नमाज के आयोजन को लेकर पिछले कुछ दिनों से अकाफ प्रशासन और स्थानीय प्रशासन के बीच खींचतान चल रही है.
जम्मू-कश्मीर में आज...
डीजीपी दिलबाग सिंह ने पिछले हफ्ते बांदीपोरा में एक समारोह में कहा था, "स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रार्थना की अनुमति दी जाएगी या नहीं इस पर अंतिम आदेश स्थानीय प्रशासन द्वारा लिया जाएगा. हालांकि श्रीनगर में कोई कानून व्यवस्था नहीं है." जम्मू-कश्मीर में आज जुमा-उल-विदा मना रहा है क्योंकि यहां रमजान 23 मार्च को शुरू हुआ था. देश के बाकी हिस्सों में 21 अप्रैल को जुमेत-उल-विदा मनाया जाएगा.
ईद जम्मू-कश्मीर में भी एक दिन पहले मनाई जा सकती है (सबसे अधिक संभावना 21 अप्रैल को) और बाकी देश के साथ 22 अप्रैल को भी हो सकती है क्योंकि यह चंद्रमा के देखने के अधीन है.
यह भी पढ़ें.
Asad Encounter: असद के एनकाउंटर के बाद अब क्या होगा? तीन राज्य के ये तीन एनकाउंटर कर रहे खुलासा