कर्नाटक से श्रीनगर पहुंचा हिजाब विवाद, महबूबा मुफ्ती बोलीं- बीजेपी की प्रयोगशाला बन गया कश्मीर
Hijab Row: श्रीनगर में हिजाब विवाद पर राजनीति भी शुरू हो गई. जबकि स्कूल प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा है कि कुछ गहतफहमी की वजह से विवाद हुआ है.
Srinagar Hijab Row: कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब जम्मू-कश्मीर पहुंच गया है. श्रीनगर के विश्व भारती महिला स्कूल की छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें हिजाब पहनने से रोका जा रहा है. स्कूल के बाहर छात्राएं अपना विरोध भी जता रही हैं. आरोप है कि इन्हें हिजाब पहनकर स्कूल में घुसने की इजाजत नहीं दी जा रही है.
एक छात्रा ने कहा, अबाया मेरे धर्म का हिस्सा है और वे हमें इसे हटाने के लिए कह रहे हैं. जब दूसरे स्कूलों में इसकी अनुमति है तो मैं अपना कवर क्यों हटाऊं. वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने ट्वीट में कहा, "हिजाब पहनना एक व्यक्तिगत पसंद होना चाहिए. धार्मिक पोशाक के मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. मुस्लिम बहुल जम्मू-कश्मीर में ऐसी घटनाओं को देखना दुर्भाग्यपूर्ण है."
'बीजेपी की प्रयोगशाला बन गया कश्मीर'
PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, "बीजेपी इस देश को गोडसे का देश बनाना चाहती है और जम्मू-कश्मीर उसके लिए उनकी प्रयोगशाला बन गया है, पहले हमने कर्नाटक में ऐसी घटनाएं देखीं और अब कश्मीर में भी हम इसे लागू होते हुए देख रहे हैं."
मुफ्ती ने आगे कहा, "प्रतिबंध का आदेश धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है जिसे 'बर्दाश्त नहीं किया जाएगा'. वे हमारे नेताओं को परेशान कर रहे हैं, चाहे वह दाऊदी हो, वीरी, बरकती या मोहम्मद शफी. एनआईए ने हाल ही में रहमतुल्लाह (कासमी) को पूछताछ के लिए बुलाया था. यह हमारे धर्म पर सीधा हमला है. वे धर्म की स्वतंत्रता, देश के संविधान द्वारा प्रदत्त पहनने और खाने की पसंद की स्वतंत्रता पर हमला कर रहे हैं. यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, बहुत हो चुका है. 2019 में उन्होंने हमारी अस्मिता और पहचान पर हमला किया लेकिन अब यह हमारे धर्म पर भी आ गया है."
स्कूल प्रिंसिपल ने मांगी माफी
हिजाब पर हंगामे के बाद स्कूल प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा है कि कुछ गहतफहमी की वजह से विवाद हुआ है. स्कूल में हिजाब पर कोई बैन नहीं लगाया गया है. छात्राओं को सिर्फ स्कूल के अंदर चेहरा नहीं ढकने के लिए कहा गया था. हालांकि प्रिंसिपल ने बयान जारी कर छात्राओं और अभिभावकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए खेद जताया. प्रिंसिपल ने कहा, 'अगर छात्रों या अभिभावकों की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो बिना शर्त माफी मांगती हूं. छात्र अबाया पहन सकते हैं और इस पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.'
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