श्रीनगर: गुलमर्ग का नाम सुनते ही पर्यटकों के चेहरे खिल जाते हैं. लेकिन 6 महीने पहले कश्मीर में आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद से कर्फ्यू का ऐसा दौर चला कि लोगों की रोजी-रोटी तक छिन गई. गुलमर्ग भी चपेट में आया, पर्यटन उद्योग में मंदी आई, नोटबंदी का भी असर हुआ और आज हालत ये है कि गुलमर्ग पर्यटकों के लिए तरस रहा है.
एबीपी न्यूज़ ने जाना क्या है गुलमर्ग का हाल
इस बर्फीले मौसम में गुलमर्ग की खूबसूरती तो उरूज पर है लेकिन यहां के पर्यटन उद्योग ठप पड़ा हुआ है. आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर और नोटबंदी के बाद से यहां पर्यटकों में कमी देखी गई है. अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर जम्मु-कश्मीर के गुलमर्ग से सैलानी गायब हैं. बर्फबारी के सीजन में पर्यटकों की चहल पहल से गुलजार रहने वाला गुलमर्ग वीरान है. जिसका सीधा असर यहां के लोगों की रोजी रोटी पर पड़ा है. हमने यहां पर्यटन उद्योग से जुडे़ लोगों से बात की जिनका कहना है कि गुलमर्ग में 20 हज़ार से ज़्यादा लोग ऐसे हैं जिनकी रोज़ी रोटी पर्यटन से चलती है। जनवरी का महीना पर्यटन के लिहाज से सबसे व्यस्त समय होता है लेकिन इस बार माहौल एकदम मंदा है.
गुलमर्ग की खासियत
#गुलमर्ग श्रीनगर से 50 किलोमीटर दूर है
#विंटर गेम्स के लिए मशहूर है गुलमर्ग
#यह समुद्र तल से 8700 फीट की ऊंचाई पर स्थित है
#14,000 फीट की ऊंचाई पर है अफरवट
#गुलमर्ग में देश का प्रमुख स्की रिजॉर्ट है
#यहां विश्व का सबसे बड़ा गोल्फ कोर्स है
गुलमर्ग में है देश का सबसे बड़ा स्की रिजॉर्ट है, लेकिन इस बार यह बिजनेस का हाल बहुत बुरा है. यहां 14 हजार वर्ग फीट की उंचाई र टूरिस्ट अफरवट है. बादलों के बीच बसे अफरवट में तापमान माइनस 15 डिग्री रहता है और यहां हवा इतनी तेज चलती है कि यह किसी भी शख्स को उड़ा कर ले जा सकता है. लेकिन इन तमाम नजारों का दीदार करने के लिए यहां कोई भी सैलानी मौजूद नहीं है.