BV Srinivas Case: अंगकिता दत्ता के लगाए गए उत्पीड़न के आरोप को लेकर इंडियन यूथ कांग्रेस (आईवाईसी) के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास को गौहाटी हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. अग्रिम जमानत याचिका को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है. आईवाईसी के अध्यक्ष की याचिका जस्टिस अजीत बोरठाकुर ने ये कहते हुए खारिज कर दी कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है.
उन्होंने अपने आदेश में कहा, “पीड़िता के कथित बयान जिसमें उसने आरोपी को कथित आरोपों में फंसाया है, वो मामला गुवाहाटी में सीजेएम कामरूप (एम) की ओर से सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किया गया है. पीड़िता को सोचने के लिए भी दो घंटे का समय दिया गया था और उसके बाद संतुष्ट होने पर उन्होंने स्वेच्छा से और बिना किसी दवाब या किसी अन्य पक्ष के प्रभाव में आकर बयान दिया है.”
बीवी श्रीनिवास के वकील ने कोर्ट में क्या कहा?
यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता केएन चौधरी ने तर्क दिया कि लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह से झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि ये एफआईआर बीवी श्रीनिवास की प्रतिष्ठा को खराब करने के मकसद से दर्ज की गई है.
उन्होंने आगे कहा कि सोशल मीडिया पर की गई अपमानजनक और निंदनीय टिप्पणी के लिए, भारतीय युवा कांग्रेस के कानून प्रकोष्ठ ने 18 अप्रैल को मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा और तत्काल सार्वजनिक माफी की मांग की. उन्होंने कहा, “इसके बाद अप्रैल के ही महीने में एफआईआर दर्ज कराई जिससे साफ पता चलता है कि ये बाद की सोच है.”
सरकारी वकील ने क्या कहा?
वहीं, दूसरी ओर सरकारी वकील एम फुकन ने बताया कि श्रीनिवास ने कर्नाटक के बेंगलुरु सेशन कोर्ट के सामने गिरफ्तारी पूर्व दो याचिकाएं दायर की थीं और केस डायरी पर सामग्री की सराहना के बाद दोनों ही याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है.
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