नई दिल्ली:  लोधी रोड के पास SSC दफ्तर अब भी कई छात्रों के लिए प्रदर्शन स्थल बना हुआ है. रात के 11 बजे भी वही उत्साह बरकरार है, कुछ छात्र लेटे हुए हैं, तो कुछ अगली परीक्षाओं के लिए तैयारी कर रहे हैं, वो भी सब का सब खुले आसमान के नीचे. पुलिस की बैरिकेडिंग के पास कंबल में लिपटा हुआ एक और प्रदर्शनकारी लेटा हुआ है. बार-बार पेट पर हाथ रखे जा रहा है... जब उनसे बात करने की कोशिश की तो उधर से जवाब आया...

'भाई प्लीज, मुझे बात नहीं करनी, बस मैं अपने दोस्तों का साथ देने यहां आ गया हूं, मेरे भाई का 3 दिन पहले ही देहांत हुआ है'

ये प्रदर्शनकारी छात्र ही नहीं देश के अलग-अलग हिस्सों से कई छात्र इसी जज्बे के साथ डंटे हुए हैं. वे कई बार हताश भी होते हैं लेकिन फिर उनका ही कोई साथी उन्हें इस निराशा से बाहर लाता है.

जौनपुर से आए राहुल ने बीटेक किया है, प्राइवेट नौकरी छोड़कर सरकारी सिस्टम में आना चाहते हैं. सपना है इनकम टैक्स विभाग में जाने का. राहुल कहते हैं,'हम 70 प्रतिशत लाने वाले और 12 घंटे पढ़ाई करने वाले छात्र से तो कंपटीशन कर सकते हैं, लेकिन उनसे आगे कैसे निकलें जो 10 लाख या 20 लाख देकर अपना सलेक्शन करवा लेते हैं?' हताशा में ये बात कहते हुए राहुल अगले ही पल खुद को संभाल लेते हैं और कहते हैं, 'फिर भी हमें पूरा भरोसा है, ये सिस्टम सुधरेगा जरूर'.


हर छात्र नेता, आवाज रखने का दम

इस पूरे आंदोलन की सबसे खास बात ये है कि करीब 15 दिन गुजरने के बावजूद छात्रों ने अपना संयम नहीं खोया है, किसी भी तरह के हिंसक प्रदर्शन की तरफ नहीं बढे़ हैं.यह भी कहना ग़लत ना होगा कि अपने-अपने घर-परिवार से दूर दिल्ली में रहकर सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले इन छात्रों के पास प्रदर्शन करने, धरना देने या नारेबाज़ी करने का कोई अनुभव नहीं है और ये परिणाम को लेकर थोड़े घबराए हुए भी हैं. इन्हें सबसे ज़्यादा डर पुलिसिया कार्रवाई का है.

लेकिन ये इस डर को अपने ऊपर ज़्यादा देर तक हावी भी नहीं होने दे रहे हैं. राहुल कहते हैं,'हमें दिल्ली पुलिस पर पूरा भरोसा है कि वो ऐसा नहीं करेंगे और हम लोग खुद ही किसी तरह की अव्यवस्था नहीं फैलाना चाहते.'

हक की लड़ाई, लेकिन पढ़ाई भी जारी है

राहुल के बगल में ही बिहार से आए दो छात्र कंबल बिछाकर स्ट्रीट लाइट की रोशनी में ही पढ़ाई कर रहे थे. उनका कहना था उम्मीद है कि हमारी मांगे मान ली जाएंगी और फिर जब परीक्षा होगी तो शायद हमें अपनी मेहनत का फल मिले. इसलिए हम अपनी तरफ से कोई कमी नहीं रखना चाहते.



SSC Student


इनमें से एक छात्र कहते हैं, 'कभी अचानक से कट ऑफ बढ़ जाता है तो कभी एग्जाम देने के बाद ये भी नहीं पता चलता है कि रिजल्ट भी आएगा या नहीं, SSC पर से तो भरोसे टूट गया है.'

हल्की सर्द रात में थक चुके ये छात्र आपस में ही तालमेल करके सड़कों पर सोए हुए हैं. किसी ने अख़बार बिछाया है तो कुछ लोग दोस्त-साथी की मदद से सो रहे हैं. कभी रात में गपशप हो जाती है तो कभी बैठे-बैठे नारा ही लगा लेते हैं. लेकिन हिम्मत नहीं हारते हैं.


खाने के इंतजाम के बारे में पूछने पर छात्र बताते हैं कि,' कट रहा है, कभी गुरुद्वारे से खाना आ जाता है तो कभी कोई दूसरा मदद कर देता है'. हम जब पहुंचे तो खाना ही बंट रहा था, पूड़ी सब्जी लिए ये छात्र मायूस तो बिलकुल नहीं दिख रहे थे, आंखों में एक अजीब सी चमक थी, कुछ पा लेने की, जीत हासिल करने की.



SSC Protest


अब भी क्यों डटे हैं छात्र?

हरियाणा के जिंद से आए एक परीक्षार्थी बताते हैं कि हमारी बस दो ही मांगे हैं. पहले एक समय सीमा तय करके सीबीआई जांच बिठाई जाए, जिसकी लिखित जानकारी मिले. दूसरी बात की जब तक जांच पूरी नहीं होती है SSC की परीक्षाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए.

छात्रों के इस आंदोलन की कहानी तो फरवरी में शुरू हुई लेकिन इसका बैकग्राउंड काफी पुराना है. अक्सर परीक्षाओं में धांधली की शिकायतों से ये छात्र परेशान थे. हाल ही में 17 से 22 फरवरी में जब पेपर लीक की बात आई तो ये गुस्सा चरम पर पहुंचा और आंदोलन शुरू हुआ. छात्रों का आरोप है कि SSC-CGL की इस परीक्षा में पेपर शुरू होने से पहले ही क्वेश्चन पेपर लीक हो गए, सोशल मीडिया पर तैरने लगे.

ऐसे में SSC की इन्हीं कथित धांधलियों के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन जारी है...