SSDF burns Pakistani flag in Jammu: शिवसेना डोगरा फ्रंट (एसएसडीएफ) ने सोमवार (11 नवंबर) को किश्तवाड़ में एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) की मौत के विरोध में पाकिस्तानी झंडा जलाया और आतंकी हमलों में सेना के जवानों की मौत पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की. एसएसडीएफ ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि संगठन के गठन के बाद से अब तक 15 आतंकी घटनाएं हो चुकी हैं जो सुरक्षा स्थिति पर सवाल उठाती हैं. संगठन ने आतंकी गतिविधियों के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता जताई और मांग की कि सरकार इस पर पारदर्शिता से जवाब दें.
सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार राजौरी और पुंछ के बाद इस साल जम्मू क्षेत्र के छह अन्य जिलों में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं जिनमें 44 लोग मारे गए हैं. इनमें 18 सुरक्षाकर्मी और 13 आतंकवादी शामिल हैं. एसएसडीएफ ने विशेष रूप से हाल के आतंकी हमलों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की और सरकार से आतंकवादियों के समर्थन और उनके नेटवर्क का खुलासा करने की मांग की. संगठन ने चेतावनी दी कि यदि आतंकवादी घटनाओं को नियंत्रित नहीं किया गया तो ये स्थिति और अधिक खतरनाक हो सकती है.
SSDF का पाकिस्तान के खिलाफ विरोध और श्वेत पत्र की मांग
एसएसडीएफ के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने अखनूर में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया. गुप्ता ने कहा कि हाल के दिनों में जम्मू क्षेत्र में ये तीसरा आतंकवादी हमला था. उन्होंने सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की ताकि आतंकवादियों के खतरों और उनके समर्थकों का पता चल सके. उनका कहना था कि आतंकवादियों और उनके सहयोगियों को बेनकाब करना बेहद जरूरी है और इस दिशा में सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए.
सीमा पार आतंकवाद और सरकार की निष्क्रियता पर सवाल
अशोक गुप्ता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बातचीत से कोई समाधान नहीं निकल सकता क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई साझा आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि सीमा पार के हमलों और बालाकोट एयर स्ट्राइक से भारत ने अपना दृढ़ संकल्प दिखाया था, लेकिन समय के साथ उसका प्रभाव कम हो गया है. गुप्ता ने इस स्थिति में सरकार से स्पष्ट और मजबूत संदेश की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि आतंकवादियों के खिलाफ एक प्रभावी कार्रवाई की जा सके.
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