करुणानिधि के निधन पर बेटे स्टालिन की भावुक चिट्ठी, कहा- क्या एक बार मैं आपको 'अप्पा' बुला सकता हूं?
राजनीति में 61 साल तक सक्रिय रहने वाले करुणानिधि 13 बार राज्य के एमएलए रहे हैं और एक बार तमिलाडु के एमएलसी भी रहे. करुणानिधि सबसे पहले साल 1957 में विधानसभा चुनाव में चुने गए थे जिस समय जवाहरलाल लाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री थे.
नई दिल्ली: डीएमके चीफ एम करुणानिधि के निधन से पूरे तमिलनाडु में शोक की लहर है. अपने चहेते नेता के जाने से लोगों का रो रो कर बुरा हाल है. कल जैसे ही करुणानिधि के निधन की खबर आई कावेरी अस्पताल के बाहर हजारों की तादाद में समर्थक इकट्ठे हो गए. इस बीच करुणानिधि के बेटे और डीएमके नेता एमके स्टालिन ने एक भावुक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी का शीर्षक है, ''क्या एक बार मैं आपको 'अप्पा' बुला सकता हूं?
स्टालिन ने चिट्ठी में क्या लिखा? एमके स्टालिन ने अपनी चिट्ठी में लिखा, ''आप जहां भी जाते थे मुझे बता कर जाते थे. अब आप मुझे बिना बताए कहां चले गए? आप हमें ऐसी हालत में छोड़ कर कहां चले गए. 33 साल पहले आपने बताया था कि आपके समाधि स्थल पर क्या लिखा जाए: ''यहां वो शख्स लेटा है जिसने अपने पूरे जीवन में बिना थके काम किया. क्या अब आपने तय कर लिया कि तमिल समाज के लिए पर्याप्त काम कर लिया? या आप कहीं छुप गए हैं ये देखने के लिए कि क्या कोई आपके 80 साल की उपलब्धियों को पीछे छोड़ सकता है?''
ஒரே ஒருமுறை இப்போதாவது ‘அப்பா’ என அழைத்து கொள்ளட்டுமா ‘தலைவரே’! pic.twitter.com/HWyMPkSmLj
— M.K.Stalin (@mkstalin) August 7, 2018
''तीन जून, आपके जन्मदिन पर आपके जन्मदिन पर मैंने दुआ कि आपने आधे गुण मुझमें आ जाएं. क्या अब आप मुझे वो दिल देंगे जो आपको बहुत पहले अगिगनार अन्ना से मिला था. क्योंकि उस महत्वपूर्ण दान से हम आपके अधूरे सपने और आदर्शों को पूरा कर सकेंगे.''
''करोड़ों उडनपिरापुक्कल (करुणानिधि डीएमके कार्यकर्ताओं के इसी नाम से बुलाते थे, इसका अर्थ है खून के भाई) की ओर से मैं आपने प्रर्थना करता हूं कि एक बार वो शब्द 'उडनपिराप्पे' कहें जिससे हम सदी तक काम कर सकें. मैंने अपने जीवन में आपको अप्पा की जगह हमेशा थलाइवार (नेता) कह कर बुलाया. कम से कम अब क्या एक बार मैं आपको अप्पा कह कर बुला सकता हूं.''