नई दिल्लीः यूपी धर्मातंरण रैकेट मामले के तार धीरे धीरे देश से विदेशो तक फैलते नजर आ रहे है और इस मामले की जांच मे अब यूपी पुलिस के सामने हो रहे है रोज नए खुलासे. खुलासा ये कि इस मामले मे काजी जहांगीर की पोल खुल गई है और उसके द्वारा जारी किए गए सर्टिफिकेट भी जांच के दायरे मे आ गए हैं. क्योकि खुलासा ये हुआ है कि काजी जहांगीर के सामने गूंगे बहरे बच्चों को समझाने के लिए बाकायदा दूसरा शख्स रहता था और जरूरतमंद लोगो की लिस्ट बाल कल्याण मंत्रालय का एक कर्मचारी उपलब्ध कराता था.
यूपी के एडीजी ला एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने एबीपी न्यूज की इस खबर पर आज मुहर लगाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की. ध्यान रहे कि एबीपी न्यूज नेटवर्क ने अपने दर्शको को पिछले सप्ताह ही यह बता दिया था कि इस मामले मे केन्द्र के बाल कल्याण मंत्रालय का एक कर्मचारी शामिल है और गूंगे बहरे बच्चो को समझाने वाला काजी जहांगीर नहीं कोई और था.
सूत्रो ने बताया कि पूछताछ के दौरान काजी जहांगीर अपने ही बयानों के जाल मे फंस गया था. क्योंकि उसे गूंगे बहरो की भाषा आती नहीं थी और ना ही ये भाषा उमर गौतम को आती थी लिहाजा पूछताछ मे उन्हे उन लोगों के बारे मे बताना ही पड़ा जो इस मामले मे उन्हें सहयोग कर रहे थे. आरंभिक जांच के बाद तथ्य मिलने पर पुलिस ने इस मामले ने तीन और लोगो को गिरफ्तार कर लिया. जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस मामले मे गिरफ्तार उमर गौतम ने ऐसे लोगों की एक टीम बनाई थी जिन्होंने खुद धर्म परिवर्तन कर इस्लाम अपनाया था. इसके बाद उमर देश और विदेश मे अनेक कट्टरपंथी लोगों से मिला और उन्हें अपनी योजना बताई इस काम के लिए विदेश से फंडिग मिलने के आश्वसाशन के बाद उसने अपनी इस पूरी टीम को इस साजिश मे लगा दिया और शुरू हो गया साम, दाम, दंड भेद के जरिए धर्म परिवर्तन का धंधा.
सूत्रो ने बताया कि अब तक की जांच के दौरान जिन लोगो को गिरफ्तार किया गया है उनमे भी उमर की इस टीम के लोग शामिल है. अब तक की जांच के दौरान उमर के देश और विदेश मे अनेक कट्टरपंथियो से मिलने की सूचनाएं भी आई है और पूछताछ के दौरान खुद उमर ने भी अनेक बातों को कबूल किया है. साथ ही जांच के दौरान अनेक ऐसे लोगों की भी पहचान हुई है जो उसे देश और विदेश से चंदा दिलवा रहे थे और जिन लोगो के जरिए हवाला का पैसा आ रहा था जांच एजेंसिया जल्द ही इस मामले मे कुछ हवाला डीलरों को पूछताछ के लिए बुलाने जा रही है. इस मामले मे देशी-विदेशी फंडिग की जांच कर रही ईडी को भी अनेक बैंक खातों का पता चला है जहां यह चंदे की रकम जमा कराई जा रही थी. ईडी ने इनमे से अनेक बैंक खातों से रिकार्ड तलब किए हैं. जांच एजेंसियों के रडार पर कुछ और संगठनों के पदाधिकारी भी शामिल हैं जिन्हे आने वाले दिनो मे पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया जा सकता है.
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