नई दिल्ली: मुंबई के परेल-एलफिंस्टन रेलवे ब्रिज पर भगदड़ की वजह से 22 लोगों की मौत हो गयी. करीब 36 लोग हादसे में घायल गंभीर रूप से घायल हुए हैं. हादसे पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रेल मंत्री ने दुख जताया है. दुर्घटना में घायल लोग केईएम और दूसरे अस्पतालों में भर्ती हैं. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मृतकों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये के मुआवजे का एलान किया है. वहीं, महाराष्ट्र सरकार घायलों का इलाज कराने के साथ ही मृतकों के परिजनों को 5 लाख रूपये देगी. डिटेल यहां पढ़ें- आज पूरे दिन क्या-क्या हुआ?


मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट करते बताया, 'महाराष्ट्र सरकार और रेल मंत्रालय हादसे की जांच करेंगे, सख्त कार्रवाई की जाएगी. मृतकों के परिवार को पांच लाख रुपये दिए जाएंगे घायलों का इलाज महाराष्ट्र सरकार कराएगी.' यहां पढ़ें मृतकों के परिजनों, घायलों और गंभीर रूप से घायलों को कितना मिलेगा मुआवजा?

रेल मंत्री ने कहा, ''मुझे घटना का दुख है और जिन परिवार के लोगों की इस हादसे में मृत्यु हुई हैं उनके लिए मैं सांत्वना व्यक्त करता हूं. जो भी लोग घयाल हुए हैं वो जल्दी ठीक हों. पश्चिमी रेलवे के मुख्य सुरक्षा अधिकारी के जरिए हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. सभी परिवारों के लिए मुझे दुख है. इस प्रकार की घटनाएं ना हों इसके लिए हम प्रयास करेंगे और प्रतिबद्ध हैं." जिस एलफिंस्टन ब्रिज पर हादसे में 22 की मौतः जानें उसकी पूरी जानकारी

अफवाह के हाथ-पैर नहीं होते हैं लेकिन अफवाह से ज्यादा घातक कुछ नहीं होता है. मुंबई में एक मामूली अफवाह ने 22 लोगों की जान ले ली. एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन पर एक अफवाह और बारिश की वजह से भगदड़ मची और उसी भगदड़ में 22 लोगों की मौत हो गई. कैसे मची भगदड़, पढ़ें आंखों देखा हाल

हादसे के बाद लोगों में रेल प्रशासन और सरकार के प्रति भारी गुस्सा दिखा. लोगों का साफ मानना है कि अगर रेल प्रशासन सचेत रहती और सरकार ने समय रहते इस स्टेशन की बदहाल पर ध्यान दिया होता तो इस हादसे को टाला जा सकता था. जिस ब्रिज पर 22 लोगों की मौत हो गई उसकी मरम्मत के लिए शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु को मरम्मत के लिए चिट्ठी लिखी लेकिन प्रभु ने कहा था कि ग्लोबल स्लोडाउन है इसलिए पैसे नहीं है. 20 फरवरी 2016 को प्रभु ने चिट्ठी लिखकर सावंत को जवाब दिया था. यह हादसा टल सकता था..इसको लेकर बड़ा खुलासा हुआ है

मुंबई के एलफिंस्टन स्टेशन पर मची अफवाह ने जिंदगी के सफर को कैसे मौत के सफर में बदल दिया. सुबह 9.30 बजे के करीब हर दिन की तरह मुसाफिर प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए पुल की सीढ़ियों पर चढ़ रहे थे लेकिन उसी समय मुसाफिरों की बीच एक अफवाह आग की तरफ फैली.

हादसे की पहली थ्योरी
पुल टूटने की अफवाह की वजह से हादसा

एलफिंस्टन स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज के ऊपर एक शेड भी है और हादसे की बड़ी वजह इसी शेड को बताया जा रहा है. जिस वक्त हादसा हुआ, उस वक्त यहां पर तेज बारिश हो रही थी. जाहिर है बारिश की वजह से लोग तेजी से फुट ओवर ब्रिज पार करने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस के मुताबिक उसी दौरान फुट ओवर ब्रिज के ऊपर बना शेड का एक हिस्सा टूट गया. दूसरी तऱफ कुछ लोगों ने हल्ला करना शुरू कर दिया कि फुट ओवर ब्रिज टूट गया है. अफवाह फैल गई कि पुल का हिस्सा टूट गया है. पुल टूटने की ये अफवाह जंगल के आग की तरफ मुसाफिरों में फैल गई. और उसी भगदड़ में कुछ लोग फुट ओवर ब्रिज से गिरकर अपनी जान गंवा बैठे.

हादसे की दूसरी थ्योरी
फिसलन की वजह से हादसा

पुल पर जिस वक्त हादसा हुआ, उस वक्त वहां तेज बारिश हो रही थी. उस बारिश से बचने के लिए कुछ लोग फुटओवर ब्रिज के ऊपर बने शेड में खड़े थे जबकि कुछ लोग तेजी से पुल पार कर रहे थे. हादसे की दूसरी थ्योरी ये आ रही है कि बारिश की वजह से कुछ लोग फिसल गये और इसी वजह से वहां भगदड़ मच गई.

हादसे की तीसरी थ्योरी
शॉर्ट सर्किट की वजह से भगदड़

कुछ लोगों का ये भी कहना है कि पुल पार कर रहे लोगों के बीच अफवाह फैली कि स्टेशन पर शॉर्ट सर्किट हो गया है. इस अफवाह की वजह से लोगों में अफरातफरी मच गई और फिर आम दिनों का ट्रेन का सफर मौत के सफर में तब्दील हो गया.

हादसे की चौथी थ्योरी
दमे के अटैक से मुसाफिर के गिरने की अफवाह

हादसे की पड़ताल में ये बात भी सामने आ रही है कि कुछ लोगों के बीच अफवाह फैली कि दमे के अटैक से कोई मुसाफिर फुट ओवर ब्रिज पर गिर गया है. कहा जा रहा है कि इस अफवाह की वजह से लोगों में भगदड़ मच गई.

हादसे की इन अलग अलग थ्योरी पर प्रमाणिक तौर पर अभी कुछ कहना मुश्किल है. दूसरी तरफ रेलवे प्रशासन हर बार की तरह हादसे की जांच जारी है, कहकर मामले को रफा दफा करने में जुटी है. तस्वीरों में देखिए- कैसे लोग एक दूसरे पर चढ़ते गए और मौतें पसरती गईं