नई दिल्ली: देश की 10 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टैन स्वामी के खिलाफ ‘फर्जी मामले गढ़ने’, उन्हें लगातार जेल में रखने और उनके साथ ‘अमानवीय व्यवहार’ के जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए दखल दें.


विपक्षी नेताओं ने यह पत्र स्टैन स्वामी का मुंबई के एक अस्पताल में उपचार के दौरान निधन होने के एक दिन बाद लिखा है. वह एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी थे और निधन के समय हिरासत में थे.


पत्र पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी और द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन हस्ताक्षर हैं.


पूर्व प्रधानमंत्री एवं जद (एस) नेता एच डी देवेगौड़ा, झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो नेता हेमंत सोरेन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, राजद नेता तेजस्वी यादव, भाकपा महासचिव डी राजा और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने भी इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं.


विपक्षी नेताओं ने पत्र में कहा, ‘‘हम हिरासत में फादर स्टैन स्वामी के निधन पर गहरा शोक और आक्रोश प्रकट करते हुए यह पत्र लिख रहे हैं.’’


उन्होंने राष्ट्रपति से आग्रह किया, ‘‘हम आग्रह करते हैं कि आप भारत के राष्ट्रपति के तौर पर तत्काल दखल दें और भारत सरकार को निर्देश दें कि फादर स्टैन स्वामी के खिलाफ फर्जी मामले गढ़ने, जेल में रखने और अमानवीय व्यवहार के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.’’


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