जम्मू: लॉकडाउन के असर को छात्रों पर कम करने के लिए प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन कक्षाओं की शुरुआत की है. लेकिन, जम्मू में भारत पाकिस्तान सीमा से सटे गांव में मोबाइल सिग्नल ना होने के कारण सीमावर्ती इलाकों में रह रहे छात्रों को इन ऑनलाइन कक्षाओं से शिक्षा नहीं मिल पा रही है.


लॉकडाउन का बड़ा असर जम्मू में पाकिस्तानी सीमा से सटे सैंकड़ों गावों में रह रहे उन छात्र छात्राओं पर पड़ा है, जो स्कूल कॉलेज बंद होने की वजह से घरों में रहने को मजबूर हैं. एक तो लॉकडाउन के चलते सीमावर्ती इलाकों में रह रहे यह छात्र घरों में रहने को मजबूर हैं वहीं दूसरी तरफ मोबाइल सिग्नल ना होने के चलते ना तो यह छात्र ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले पातें हैं और ना ही ऑनलाइन लेक्चरों में शामिल हो पा रहे हैं.


जम्मू के कानाचक में इंजीनियरिंग के पहले साल के छात्र शिवम् की माने तो उन्हें ऑनलाइन कक्षाओं के लिए बोला तो गया है, लेकिन मोबाइल सिग्नल ना होने के चलते वो इस ऑनलाइन कक्षाओं में हिस्सा नहीं ले पाते. उनके मुताबिक इंटरनेट ना मिलने के चलते ना तो सीमावर्ती इलाकों के छात्र गूगल क्लास में शामिल हो पा रहे हैं और ना ही WhatsApp पर वो लेक्चर में शामिल हो रहे हैं जिसका सीधा असर उनकी पढ़ाई पर और फिर उनके रिजल्ट पर पड़ेगा.


वहीं 10वीं कक्षा की तनीषा बताती हैं कि शहर में रह रहे उनके दोस्त तो ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन वो पढ़ाई में पिछड़ रही हैं. कानाचक के पूर्व सरपंच देविंदर सिंह के मुताबिक उनका गांव सीमावर्ती इलाके में पड़ता है और यहां मोबाइल सिग्नल बढ़ाया जाये ताकि यहां के छात्र छात्राएं भी ऑनलाइन कक्षाओं में हिस्सा ले सकें. उन्हें मुताबिक लॉकडाउन के चलते गांव में रहने वाले छात्रों पर इसका विपरीत असर पड़ा है.


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