सरकार बताए कि लहसुन मसाला है या सब्जी? जानें- हाईकोर्ट को क्यों ऐसा पूछना पड़ा
मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि लहसुन को सरकार किस श्रेणी में रखती है, मसाला या सब्जी. एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि बाजार में लहसुन की बिक्री पर जीएसटी लगेगी या नही
जयपुर: लहसुन मसाला है या सब्जी? आप इस सवाल पर चौंकिए मत... मैं कतई तौर पर कोई मजाक नहीं कर रहा हूं, बल्कि ये सवाल राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है. कोर्ट का सवाल है कि लहसुन को सरकार किस श्रेणी में रखती है? मसाला या सब्जी. और हां! कोर्ट को ऐसे सवाल पूछने के लिए एक जनहित याचिका ने मजबूर किया.
अब अदालत ने फरमान जारी कर दिया है कि राजस्थान सरकार एक हफ्ते के भीतर अपना जवाब दाखिल करे. कोर्ट ने ये फरमान बीते मंगलवार को जारी किया.
दरअसल, मामला ये है कि राजस्थान में लहसुन की फसल काफी अच्छी हुई है. लेकिन किसान को इसे बेचने में परेशानी आ रही है. अगर किसान इसे सब्जा मंडी में बेचता है तो उसे कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा और अगर मासा मंडी में बेचता है तो उसे 5 फीससी जीएसटी देना होगा.
इसी विवाद को सुलझाने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसे स्वीकर कर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि बाजार में लहसुन की बिक्री पर जीएसटी लगेगी या नहीं. सुनवाई के दौरान सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया.
अब सरकार कह रही है कि वो एक हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करेगी.
दिक्कत कहां आई?
दिक्कत दो जगह पर है. हुआ यूं कि 2016 में लहसुन की पैदावार बहुत ज्यादा हुई और सब्जी मंडी छोटी पड़ गई. सरकार ने सब्जी मंडी बड़ी करने के बजाए नियमों में बदलाव करते हुए उसे अनाज मंडी में बेचने का प्रावधान कर दिया.
अब दिक्कत ये है कि जीएसटी के लागू होने के बाद मसाला पर जीएसटी टैक्स है. यानि अगर लहसुन अनाज मंडी में बिकेगा तो उसे मसाला में रखा जाएगा और इस तरह उसपर टैक्स लगेगा. और अगर सब्जी में बिकेगा तो नो टैक्स.
विक्रेता संघ की याचिका
आलू, प्याज और लहसुन विक्रेता संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इस मूलभूत सवाल को उठाया कि किसानों को लहसुन को किस श्रेणी में बेचने की इजाजत दी जानी चाहिए. याचिकाकर्ता ने कहा कि लहसुन को मसाला या सब्जी इन दोनों में से किसी एक श्रेणी में बेचा जाना चाहिए. अगर यह मसाले के रुप में बेचा जाता है तो इस पर टैक्स लगना चाहिए.
सरकारी वकील की सफाई
इस पर एडिशनल एडवोकेट जनरल श्यामसुंदर लद्रेचा ने कहा कि राज्य सरकार ने अगस्त 2016 में नियमों में संशोधन करते हुए अनाज बाजार में लहसुन की बिक्री की इजाजत दी है. सरकार ने किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया है. लद्रेचा ने कहा कि इस साल लहसुन की बंपर पैदावार हुई है जिससे सब्जी बाजार में लहसुन बेचने के लिए जगह की कमी पड़ गई थी इसलिए हमने अनाज बाजार में लहसुन के बिक्री की इजाजत दी है.
उन्होंने कहा कि अनाज बाजार में लहसुन बेचने पर किसानों पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगेगा.