FCRA Law: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार (13 दिसंबर) को लोकसभा में जानकारी दी कि 2019-21 के बीच 1811 एनजीओ का Foreign Contribution (Regulation) Act (FCRA) रजिस्ट्रेशन कानून का कथित उल्लंघन करने के आरोप में FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया गया. कानून के अनुसार, कोई भी एनजीओ जो विदेशी फंडिंग प्राप्त करना चाहता है, उसे FCRA के तहत खुद को रजिस्टर कराना होगा. उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में ये जानकारी दी.

  


FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया गया 


नित्यानंद राय ने कहा, "जब भी मंत्रालय को आतंकी गतिविधियों को फैलाने के लिए विदेशी योगदान के इस्तेमाल से संबंधित कोई इनपुट मिलता है, तो FCRA और अन्य मौजूदा कानूनों और नियमों के तहत उचित कार्रवाई की जाती है." इसी वजह से ही राजीव गांधी फाउंडेशन का अक्टूबर महीने में FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया गया था, इसके बाद ये संस्था फिलहाल भविष्य में विदेश से चंदा नहीं ले सकती है.


गृहमंत्री अमित शाह ने उठाए सवाल


राजीव गांधी फाउंडेशन के FCRA लाइसेंस के बारे में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि लाइसेंस रद्द होने की खास वजह ये है कि उन्होंने वित्तीय वर्ष 2005-06 और 2006-07 में चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपये की फंडिंग ली थी और इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के फाउंडर जाकिर नाइक से भी 50 लाख रुपये मिले थे. ये FCRA के नियमों के मुताबिक सही नहीं है. 


FCRA कानून को मजबूत बनाया गया


FCRA के तहत व्यक्तियों और संघों को विदेश से मिलने वाले चंदे को रेगुलेट करने का नियम बनाया गया, जिसको विदेश से चंदे मिल रहे हों उन्हें डेमोक्रेसी की वैल्यू के अनुसार काम करना जरूरी है. इसे 2010 में कांग्रेस सरकार के तहत संशोधित किया गया था, जिसमें विदेशी फंडिंग के उपयोग पर कानून को मजबूत किया गया. इसके बाद साल 2020 में मौजूदा सरकार के तरफ से कानून में फिर से संशोधन किया गया, जिससे सरकार को एनजीओ के तरफ से विदेशी फंडिंग की प्राप्ति और उपयोग पर सख्त नियंत्रण और जांच की अनुमति मिली.


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