State Judicial Infrastructure Authority: राज्यों में बनेगी 'स्टेट ज्यूडिशियल इंफ्रास्ट्रक्चर अथॉरिटी', ऐसे करेगी काम
State Judicial Infrastructure Authority: कार्यक्रम के बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमना और केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने साझा प्रेस कांफ्रेंस में इस बात की जानकारी दी.
State Judicial Infrastructure Authority: न्यायपालिका से जुड़ी इमारतों और बाकी सुविधाओं के निर्माण के लिए हर राज्य में 'स्टेट ज्यूडिशियल इंफ्रास्ट्रक्चर अथॉरिटी' का गठन होगा. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस (Chief Justice of High Court) की अध्यक्षता में बनने वाली इस संस्था में राज्य के मुख्यमंत्री या उनके प्रतिनिधि भी सदस्य होंगे. दिल्ली में मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन मे इस बात पर सहमति बनी है. कार्यक्रम के बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमना और केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने साझा प्रेस कांफ्रेंस में इस बात की जानकारी दी.
6 साल के अंतराल के बाद आयोजित हुए इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए 30 अप्रैल की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया था कि केंद्र और राज्य सरकारें न्यायपालिका का काम सुगम बनाने के लिए हर तरह से सहयोग करेंगी. शनिवार को पूरा दिन सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और उनके साथी जजों, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों, सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कानून मंत्रियों ने अलग-अलग विषयों पर चर्चा की.
नेशनल और स्टेट लेबल इंफ्रास्ट्रक्चर अथॉरिटी पर हुई चर्चा
कार्यक्रम के बाद केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल ज्यूडिशियल इंफ्रास्ट्रक्चर अथॉरिटी की बजाय कुछ मुख्यमंत्रियों ने कहा कि इसे राज्य स्तर पर किया जाना चाहिए. इस पर सहमति बनी है. चीफ जस्टिस एन वी रमना ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सबसे ज़्यादा बात नेशनल और स्टेट लेबल इंफ्रास्ट्रक्चर अथॉरिटी पर चर्चा हुई. इसके बाद उन्होंने सहमति के सभी बिंदुओं को एक-एक कर पढ़ा.
- राज्य स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर अथॉरिटी बनेगी. मुख्यमंत्री या उनके प्रतिनिधि उसके सदस्य होंगे.
- 5 साल से ज़्यादा से लंबित केस प्राथमिकता से निपटाये जाएंगे. निचली अदालत के जजों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
- जजों को पर्याप्त सुरक्षा दी जाएगी.
- हाई कोर्ट जज की नियुक्ति करते समय निचली अदालत में जज की वरिष्ठता को महत्व दिया जाएगा.
- ऑनलाइन सुनवाई को सुगम बनाने के लिए इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ढांचे को मजबूत किया जाएगा. राज्य इसके लिए अपना योगदान देंगे. केंद्र बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा.
- जजों के खाली पद जल्द भरे जाएंगे.
अदालतों में हो बेहतर सुविधा को लेकर हुई थी चर्चा
चीफ जस्टिस एन वी रमना कई मौकों पर न्याय को लोगों के लिए सुलभ बनाने की ज़रूरत बता चुके हैं. इस मसले पर एबीपी न्यूज़ के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूरा दिन हुई चर्चा का मुख्य उद्देश्य यही था. अदालतों में बेहतर सुविधा और जजों की संख्या बढ़ाने जैसे विषय इससे सीधे जुड़े हैं. उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय भाषाओं में अदालती कामकाज को बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई. भविष्य में यह कोशिश की जाएगी कि हाई कोर्ट का काम क्षेत्रीय भाषाओं में भी हो सके. हालांकि, फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाए जाने की चर्चा पर पूछे गए सवाल को उन्होंने मुस्कुरा कर टाल दिया.
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