मसूद अजहर ग्लोबल आतंकी घोषित, चीन ने नहीं डाला अड़ंगा अब पाकिस्तान को करना होगा गिरफ्तार
मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र के कदम पर पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि वह अजहर पर लगे प्रतिबंधों को फौरन लागू करेगा.
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र में बुधवार को भारत की बड़ी जीत हुई. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित कर दिया. जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद के खिलाफ एक्शन के लिए भारत ने करीब 10 साल पहले वैश्विक संस्था का रूख किया था. लेकिन चीन के अड़ंगे की वजह से भारत को सफलता नहीं मिल रही थी. मसूद अजहर को ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित किये जाने के बाद पाकिस्तान ने कहा है कि वह मसूद अजहर पर लगे प्रतिबंधों को फौरन लागू करेगा.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने ट्वीट किया, ‘‘बड़े, छोटे, सभी एकजुट हुए. मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध सूची में आतंकवादी घोषित किया गया है. समर्थन करने के लिए सभी का आभार.’’
पीएम मोदी ने कहा- यह तो सिर्फ शुरुआत है चुनावी मौसम में संयुक्त राष्ट्र में मिली भारत की कामयाबी पर क्रेडिट लेने की भी होड़ लग गई है. भारत की सफलता पर प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री ने कहा कि UN सुरक्षा परिषद ने आतंकी संगठन जैश एक मोहम्मद के कुख्यात आतंकी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगा दिया है. मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने पर आखिरकार विश्व में सहमति बनी, यह संतोष की बात है. देर आए, दुरुस्त आए. एक वक्त था जब देश में ऐसी रिमोट कंट्रोल वाली सरकार थी, जिसमें पीएम तक की आवाज उनकी सरकार में ही कोई नहीं सुनता था. आज देश ने देखा है कि यूएन में क्या हुआ. कैसे 130 करोड़ जनता की आवाज पूरे विश्व में दहाड़ रही है.
उन्होंने कहा, ''ये है नया भारत और ये है इस नए भारत की ललकार. आज भारत की बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मैं डंके की चोट पर ये कहना चाहता हूं कि ये तो सिर्फ शुरुआत है. आगे आगे देखिए, होता है क्या.''
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कांग्रेस ने संयुक्त राष्ट्र के कदम का स्वागत किया. हालांकि विपक्षी पार्टी ने इस रिपोर्ट में पुलवामा और जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधि में अजहर की भूमिका का जिक्र नहीं होने पर निराशा जाहिर की है. कांग्रेस ने कहा कि उन्हें मोदी सरकार से उम्मीद थी कि वह चीन के साथ इस मामले में ‘तेज गति’ से काम करेंगे क्योंकि ऐसा होता तो पुलवामा जैसे आतंकी हमलों को रोका जा सकता था और कई जानें बच सकती थी.
मोदी सरकार को अब अजहर के सिर पर इनाम की घोषणा के लिए आगे बढ़ना चाहिए जैसा कि यूपीए सरकार ने मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद के साथ किया था. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा कि ‘देर से ही सही’ अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंवकवादी घोषित करना एक स्वागत योग्य कदम है.
संयुक्त राष्ट्र समिति ने एक मई 2019 को अजहर को अलकायदा से संबद्ध के तौर पर सूचीबद्ध किया. जैश ए मोहम्मद का सहयोग करने का संकेत देने वाली गतिविधियों के लिए धन जुटाने, योजना बनाने, उसे प्रोत्साहित करने, तैयारी करने या हथियारों की आपूर्ति करने या आतंकी हरकतों के लिए भर्तियां करने को लेकर उसे ब्लैक लिस्ट में डाला गया है.
पुलवामा का जिक्र नहीं हालांकि, जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले का कोई जिक्र नहीं किया गया, जबकि इस हमले की जिम्मेदारी जैश ने ली थी. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.
संयुक्त राष्ट्र के इस कदम के बाद अब अजहर की संपत्ति जब्त हो सकेगी और उस पर यात्रा प्रतिबंध तथा हथियार संबंधी प्रतिबंध लग सकेगा. यह प्रतिबंध लगाए जाने पर संगठन या व्यक्ति की संपत्ति और अन्य वित्तीय संपत्ति या आर्थिक संसाधनों को जब्त किए जाने का कार्य सभी देशों द्वारा बगैर किसी विलंब के करने की जरूरत होती है.
अकबरूद्दीन ने कहा कि यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण परिणाम है क्योंकि हम इसके लिए कई बरसों से जुटे हुए थे. इस सिलसिले में पहली बार 2009 में कोशिश की गई थी. हाल फिलहाल में हमने इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में अपनी सारी कोशिशें की. आज यह लक्ष्य हासिल हो गया. उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर यह खुशी का दिन है, उन सबों को लिए अच्छा दिन है जो आतंकवाद को तनिक भी बर्दाश्त नहीं करने के रूख को आगे बढ़ना चाहते हैं.’’
पाकिस्तान ने कहा- हम प्रतिबंधों को लागू करेंगे अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र के कदम पर पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि मौजूदा प्रस्ताव पर इसे पुलवामा से जोड़े जाने की कोशिशों को हटाने सहित सभी राजनीतिक ऐतराजों के बाद सहमति बनी. फैसल ने कहा कि पाकिस्तान अजहर पर लगे प्रतिबंधों को फौरन लागू करेगा. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के कदम को भारतीय मीडिया द्वारा भारत की जीत बताए जाने को भी खारिज कर दिया.
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वहीं, बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि बीजिंग ने संशोधित विषय वस्तु का सावधानी से अध्ययन करने के बाद उसे सूचीबद्ध करने में कोई ऐतराज नहीं पाए जाने के बाद तकनीकी रोक हटा ली. अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के कदम का स्वागत करते हुए पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ सतत कार्रवाई करने और अपने अंतराष्ट्रीय दायित्वों को निभाने की मांग की है. फ्रांस के एक अधिकारी ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि पेरिस भी इस कदम का स्वागत करता है और यह उसकी कोशिशों को सफल होने का संकेत है.
उल्लेखनीय है कि चीन ने उस प्रस्ताव पर से अपनी रोक हटा ली है जिसे फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में फरवरी में लाया गया था. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षा बलों पर 14 फरवरी को पाक के आतंकी संगठन जैश के आतंकी हमला करने के कुछ ही दिनों बाद यह प्रस्ताव लाया गया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो की शक्ति रखने वाले देशों में शामिल चीन अजहर को इस सूची में डाले जाने की कोशिशों में ‘तकनीकी रोक’ डाल रहा था और प्रस्ताव पर विचार करने के लिए और अधिक वक्त मांग रहा था.
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन ने अपनी रोक हटा ली है, अकबरूद्दीन ने कहा, ‘‘हां, हटा ली गई है.’’ प्रतिबंध समिति ने अपना फैसला सदस्यों की आमराय से लिया. हाल के दिनों में ये संकेत मिल रहे थे कि चीन के अपना रूख बदलने और अजहर पर प्रस्ताव पर अपनी रोक हटाने की संभावना है.
अजहर पर प्रतिबंध लगाने के ताजा प्रस्ताव पर चीन ने मार्च में वीटो लगा दिया था. उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए पिछले 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में लाया गया यह ऐसा चौथा प्रस्ताव था. सबसे पहले 2009 में भारत ने प्रस्ताव लाया था. फिर 2016 में भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध परिषद के समक्ष दूसरी बार प्रस्ताव रखा.
इन्हीं देशों के समर्थन के साथ भारत ने 2017 में तीसरी बार यह प्रस्ताव लाया. हालांकि इन सभी मौकों पर चीन ने प्रतिबंध समिति द्वारा इस प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने में अड़ंगा डाल दिया. अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के अंतरराष्ट्रीय दबाव के मद्देनजर फ्रांस और ब्रिटेन के समर्थन से अमेरिका ने सीधे सुरक्षा परिषद में एक मसौदा प्रस्ताव लाया था.
संयुक्त राष्ट्र की प्रधान इकाई में राजनयिकों ने यह चेतावनी थी कि यदि चीन ने अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने में अड़ंगा डालना जारी रखा तो सुरक्षा परिषद के जिम्मेदार सदस्य देश अन्य कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे.