मोटर वाहन अधिनियम में तय जुर्माने को कम नहीं कर सकते राज्य- केंद्र
परिवहन मंत्रालय ने इस मुद्दे पर विधि मंत्रालय से कानूनी सलाह मांगी थी क्योंकि कई राज्यों ने कुछ मामलों में जुर्माने की राशि को कम कर दिया. नया मोटर वाहन अधिनियम एक सितंबर 2019 से लागू है. इसमें यातायात नियमों के उल्लंघन पर प्रावधानों को कड़ा किया गया है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि कोई भी राज्य नए मोटर वाहन अधिनियम में तय किये गये जुर्माने की उसकी निर्धारित सीमा से कम नहीं कर सकता है. सड़क , परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों को भेजे परामर्श में कहा कि मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 संसद से पारित कानून है. राज्य सरकारें अधिनियम में तय जुर्माने की सीमा को घटाने को लेकर कोई कानून पास नहीं कर सकती हैं और न ही कार्यकारी आदेश जारी कर सकती हैं. जुर्माने को तय सीमा से कम करने के लिये उन्हें अपने संबंधित राज्य के कानून पर राष्ट्रपति की सहमति लेनी होगी.
परिवहन मंत्रालय ने परामर्श में कहा , " विधि एवं न्याय मंत्रालय ने भारत के अटॉर्नी जनरल से उनका मत लेने के बाद सलाह दी है. अटॉर्नी जनरल का मानना है कि मोटर वाहन अधिनियम , 1988 को मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 के जरिये संशोधित किया गया है. यह एक संसदीय कानून है और राज्य सरकारें इसमें तय जुर्माने की सीमा को कम करने के लिए तब तक कानून पारित या कार्यकारी आदेश जारी नहीं कर सकती हैं जब तक कि वह संबंधित कानून पर राष्ट्रपति की सहमति नहीं प्राप्त कर लें.
सरकार ने इससे पहले कहा था कि गुजरात , कर्नाटक , मणिपुर और उत्तराखंड ने कुछ अपराधों में जुर्माने की रकम को कम किया था.
राज्यों के प्रधान सचिवों को भेजे इस परामर्श में इस कानूनी राय को भी बताया गया है कि राज्यों के इस कानून को क्रियान्वयन में लाने में असफल रहने की स्थिति में संविधान की धारा 256 के तहत केन्द्र सरकार को संबंधित कार्य के लिये राज्यों को जरूरी निर्देश देने का अधिकार है.
नए मोटर व्हीकल एक्ट में किस नियम को तोड़ने पर कितना जुर्माना?
- बिना हेलमेट पहले 200 रुपये लगते थे जो अब बढ़कर 1000 हो गए हैं. साथ ही तीन माह के लिए लाइसेंस निलंबित किया जाएगा.
- बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर पहले अधिकतम 500 रुपये का जुर्माना था अब ये 5000 हो गया है.
- बिना इंश्योरेंस गाड़ी चलाने पर पहले जुर्माना 1000 था जो दो हजार हो गया है.
- पॉल्युशन सर्टिफिकेट नहीं है तो पहले मात्र 100 रुपये लगते थे अब 500 रूपये का सीधा जुर्माना लगेगा.
- बिना सीट बेल्ट गाड़ी चलाने पर पहले 100 रुपये जुर्माना था अब ये 1000 रुपये हो गया है.
- शराब पीकर गाड़ी चलाई तो पहले 2000 जुर्माना था अब दस हजार रूपये देना पड़ सकता है.
- मोबाइल पर बात करते पकड़े गए तो 1000 की जगह 5000 रुपये जुर्माना हो सकता है.
- ओवर स्पीड में गाड़ी चलाने पर जुर्माना 500 से बढ़कर 5 हजार हुआ.
- बिना परमिट गाड़ी चलाने पर पहले जुर्माना 5 हजार था जो अब 10 हजार हो गया है.
- इमरजेंसी वाहनों को जगह ना देने पर 10 हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ सकता है.
- सड़क पर गलत साइड गाड़ी चलाने पर पहले 100 रुपये जुर्माना था जो अब बढ़कर 5000 हो गया है.
- रेड लाइट जम्प पर पहले 100 रुपये जुर्माना था अब कम से कम 1000 रुपये देने होंगे. रेड लाइट जम्प में दूसरी बार पकड़े जाने पर 2000 से 10 हजार तक का जुर्माना लग सकता है.
- नाबालिग द्वारा वाहन चलाने पर 25,000 रुपये जुर्माने के साथ-साथ तीन साल तक की सजा हो सकती है. इसके साथ ही वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द होगा और गाड़ी के मालिक और नाबालिग के अभिभावक को दोषी माना जाएगा. नाबालिग का 25 साल की उम्र तक लाइसेंस नहीं बनेगा.
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