नई दिल्ली: लॉकडाउन के चौथे चरण में सरकार ने कोरोना से बचने के लिए सुरक्षा घेरा और बढ़ा दिया है. अभी तक देश के अलग-अलग इलाकों को रेड, ऑरेंज, ग्रीन और कंटेनमेंट जोन में बांटा गया था. लेकिन इस बार एक बफर जोन बनाने की भी बात कही गई है. यहां हम आपको बता रहे हैं कि जोन तय करने का आधार क्या होगा और अलग-अलग जोन में क्या छूट मिलेगी?


वो सुरक्षा घेरा जिसमें देश को बांटा गया है


- रेड जोन
- ग्रीन जोन
- ऑरेंज जोन
- कंटेनमेंट जोन
- बफर जोन


अब आप सोच रहें होंगे कि कौन सा इलाका किस जोन में आएगा और इसे कौन तय करेगा. केंद्र ने राज्यों को जो चिट्ठी लिखी है उसमें जोन बंटवारे के बारे में साफ साफ लिखा गया है. रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन तय करने का अधिकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को होगा. जबकि कंटेनमेंट जोन और बफर जोन का फैसला जिला प्रशासन करेगा.


कंटेनमेंट और बफर जोन... रेड और ऑरेंज जोन के दायरे में आएगा. मतलब ये इलाके वो होंगे जहां कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं. केंद्र की गाइडलाइंस में साफ है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के आधार पर कंटेनमेंट जोन का फैसला होगा.


कंटेनमेंट जोन में क्या खुला क्या बंद?


* सिर्फ मेडिकल और घरेलू उपयोग के सामानों की आपूर्ति हो सकेगी
* किसी भी तरह की गैर जरूरी आवाजाही बंद रहेगी
* स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस का सख्ती से पालन होगा
* कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और घर-घर स्वास्थ्य की जांच होगी
* इलाके में दाखिल होने और निकलने के रास्तों की निगरानी होगी
* बिना जांच के किसी भी आने-जाने की इजाजत नहीं होगी


बफर जोन के बारे में जानिए


* कंटेनमेंट जोन का आस-पास का एरिया बफर जोन होगा
* बफर जोन का फैसला जिला प्रशासन करेगी
* बफर जोन में जांच बढ़ाई जाएगी
* स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर रहेगा
* संदिग्ध मामलों की जिला कंट्रोल रूम को जानकारी होगी
* फेस मास्क, सामाजिक दूरी का पालन जरूरी होगा
* साफ-सफाई के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाई जाएगी


बफर जोन में तैयारी ऐसी होगी कि संक्रमण को आगे फैलने से रोका जा सके. इसके अलावा केंद्र ने ये छूट दी है कि रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन को लेकर राज्य सरकारें अपने हिसाब से पाबंदी बढ़ा सकते हैं.


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