नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि राज्यों को कहा गया है कि वो अपने यहां रोहिंग्या शरणार्थियों की पहचान करें और उनके बायोमेट्रिक आंकड़ों को इकट्ठा करें. केंद्र सरकार राज्यों द्वारा भेजे गए बायोमेट्रिक रिपोर्ट को म्यांमार सरकार के पास राजनयिक माध्यम से भेजेगी.


राजनाथ सिंह ने आज नाबन्ना में ईस्टर्न जोनल काउंसिल (पूर्वी क्षेत्रीय परिषद) की अध्यक्षता करते हुए अंतरराज्यीय संबंधों और माओवादी समस्या सहित सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की.


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी इस बैठक में शामिल हुए. ओडिशा की ओर से इस बैठक में वित्त मंत्री शशिभूषण बेहरा ने हिस्सा लिया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्यों को केंद्रीय बलों की आवश्यकता है, जिसे केंद्र आवश्यकता अनुसार मुहैया कराएगा.


हाल ही में 27 सितंबर को राजनाथ सिंह ने भारत में रह रहे सभी रोहिंग्याओं को 'अवैध आव्रजक' बताया था. उस दिन भी गृहमंत्री ने कहा था कि राज्य सरकारों से रोहिंग्याओं की गतिविधि पर नजर रखने और उनकी निजी जानकारी हासिल करने को कहा गया है ताकि उन्हें वापस उनके देश भेजा जा सके. इस मुद्दे पर सख्ती से पेश आते हुए उन्होंने कहा कि केरल समेत सभी राज्यों से रोहिंग्याओं संबंधी ब्यौरा एकत्रित करने को कहा गया है क्योंकि वह देश के अलग-अलग कोनों में चले गए हैं.


27 सितंबर को ही बीजेपी की केरल राज्य परिषद की एक बैठक में उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों से राष्ट्रीय सुरक्षा के इस मुद्दे को राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाने की अपील की थी. उन्होंने ये भी कहा कि रोहिंग्याओं की मौजूदगी पूर्वोत्तर राज्यों तक ही सीमित नहीं है. वे केरल समेत दक्षिण भारतीय राज्यों तक पहुंच गए हैं.


दरअसल इस समय अलग-अलग ट्रेनों के जरिए रोहिंग्या शरणार्थियों के केरल तक पहुंचने की खबरें आ रही हैं जिस पर केंद्र सरकार ने चिंता जताई है.


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