नई दिल्ली: प्याज की कीमतें काफी बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने काफी मात्रा में विदेश से प्याज का आयात किया. लेकिन अब इसी से एक नई समस्या सरकार के सामने खड़ी हो गई है. सरकार ने अभी तक करीब 42,500 मीट्रिक टन प्याज का आयात कर लिया है. 15 दिसम्बर को प्याज की पहली खेप टर्की से आई थी. अब सरकार के सामने परेशानी ये है कि कोई भी राज्य आयातित प्याज़ को ख़रीदने के लिए तैयार नहीं हैं. इसे लेकर उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने 30 दिसम्बर को ही सभी राज्यों से आयातित प्याज ख़रीद कर अपने यहां बेचने की व्यवस्था करने को कहा था. पासवान ने ट्वीट कर कहा था, "पूर्वनिर्धारित लक्ष्य के अनुसार 15 दिसंबर से आयातित प्याज की खेप पहुंचनी शुरू हो गयी है. लगभग 42500 टन प्याज आपूर्ति के लिए उपलब्ध है. राज्य सरकारों से अनुरोध है कि वे अपनी आवश्यकतानुसार प्याज की मांग उपभोक्ता मामले विभाग और NAFED को भेज दें और प्याज की आपूर्ति सुनिश्चित करें."
फ़िलहाल 90-100 रुपए में बिक रहा है प्याज़
मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अबतक किसी भी राज्य ने आयातित प्याज़ खरीदने के लिए उपभोक्ता मंत्रालय से सम्पर्क नहीं किया है. आयात होने के पहले तो कुल 7 राज्यों ने सरकार से प्याज़ खरीदने की मांग की थी लेकिन उसकी मात्रा बहुत कम थी. जिन राज्यों ने अपनी मांग केंद्र को भेजी थी उनमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और दिल्ली जैसे राज्य शामिल थे. अब इनमें से कोई राज्य बाहर से आए प्याज़ को खरीदने के लिए तैयार नहीं है. इसका एक कारण ये भी बताया जा रहा है कि विदेश से मंगाए गए प्याज़ का स्वाद वैसा नहीं है जैसा देशी प्याजों का होता है. उधर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्याज़ की ख़ुदरा कीमत आज भी औसतन 100 रुपए प्रति किलो बनी हुई है जबकि दिल्ली में क़ीमत 90 रुपए प्रति किलो है.
अमित शाह से लगाई गुहार
अब पूरा मामला गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के दरवाज़े तक पहुंच गया है. सूत्रों के मुताबिक़ उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने पिछले महीने अमित शाह से मुलाक़ात कर उन्हें इस बारे में अवगत कराया है. पासवान ने अमित शाह से हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए उन्हें राज्य सरकारों से बात करने की गुज़ारिश की है.
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