तीसरे हफ्ते में 1 करोड़ के पार आंकड़े: नेताओं के भगदड़ के बीच बीजेपी को जवाब दे रही है तृणमूल की कैंपेन
टीएमसी से बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं की लिस्ट में पूर्वी बर्धमान के सांसद सुनील मंडल, अलीपुरदुआर के पूर्व सांसद दसरथ तिरकी, तमलुक के विधायक अशोक डिंडा, पुरुलिया के विधायक सुदीप मुखर्जी, बर्धमान के विधायक सैकत पांजा, बैरकपुर के विधायक शीलभद्र दत्त, गाजोल के विधायक दीपाली विस्वास समेत और चार विधायक शामिल हैं.
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कोलकाता: एक के बाद एक नेता तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल जो रहे है. यह लिस्ट काफी लंबी होती जा रही है. नंदीग्राम के एमएलए और बंगाल के चर्चित नेता शुभेन्दु अधिकारी के साथ-साथ और कई नेता 19 दिसंबर को अमित शाह की रैली में बीजेपी में शामिल हुए हैं.
टीएमसी से बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं की लिस्ट में पूर्वी बर्धमान के सांसद सुनील मंडल, अलीपुरदुआर के पूर्व सांसद दसरथ तिरकी, तमलुक के विधायक अशोक डिंडा, पुरुलिया के विधायक सुदीप मुखर्जी, बर्धमान के विधायक सैकत पांजा, बैरकपुर के विधायक शीलभद्र दत्त, गाजोल के विधायक दीपाली विस्वास समेत और चार विधायक शामिल हैं.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इतने सारे बड़े नेताओं का बीजेपी में शामिल होना तृणमूल कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है. लेकिन टीएमसी ऐसा नहीं मान रही है. क्योंकि तृणमूल का कहना है कि ममता सरकार ने आमलोगों के लिए जो काम किया है और सरकार की जो लोगों के लिए दुआरे स्कीम है, उसका असर दिखने लगा है.
इस स्कीम की शुरुआत के तीसरे हफ्ते में ही एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन किया है. बता दें कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार द्वारा अलग अलग स्कीम को दुआरे स्कीम के साथ जोड़कर लोगों के घरों तक पहुंचाया जा रहा है.
कन्याश्री, स्वास्थ साथी, खाद्य साथी, युवाश्री समेत कई स्कीम के तहत लोगों को सुविधाएं मुहैया कराने का जो प्रबंध तृणमूल सरकार इससे पहले कर रही थी. सरकार अब इसे दुआरे स्कीम के माध्यम से घर घर तक पहुंचा रही है. इसके लिए हर ब्लॉक लेवल पर बूथ खोल दिया गया है.
इससे पहले इन्हीं सुविधाओं को हासिल करने के लिए पंचायत आफिस, कार्पोरेशन आफिस या फिर अलग अलग सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने होते थे. दुआरे स्कीम के शुरू किए जाने के बाद अब तक 1 करोड़ 10 लाख से भी ज़्यादा लोगों ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन भरे हैं.
टीएमसी के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद शांतनु सेन का कहना है कि हम लोग सालभर काम करते हैं. लोगों की सेवा करते हैं. चुनाव से पहले ही सिर्फ राजनीति करते हैं.
वहीं बंगाल बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता शमीक भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव से पहले ममता सरकार की यह एक गिमिक है. बीजेपी इसे गंभीरता से नहीं ले रही है. स्वास्थ साथी जैसे स्कीम में सरकार जितने लोगों को इसके दायरे में लाने की बात कह रही है, उसके लिए जितना प्रीमियम भरना होगा, वो सरकार की बजट में ही नहीं है.
बता दें कि बंगाल चुनाव शुरू होने में अभी भी चार महीने से ज़्यादा समय बाकी है, लेकिन बीजेपी और टीएमसी दोनों ही पार्टियों की तैयारी बहुत जोरो पर है.
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