आदि शंकराचार्य की प्रतिमा निर्माण से जुड़े कुछ अहम तथ्य, जानें कैसे हुआ शिला का चयन और किसने लगाई प्रतिमा पर मुहर
Adi Shankaracharya Statue: श्री आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के निर्माण के लिए अलग-अलग मूर्तिकारों ने कई मॉडल दिए थे, ऐसे क़रीब 18 मॉडल में से एक मॉडल का चयन हुआ.
Adi Shankaracharya Statue: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केदारनाथ में श्री आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण करने जा रहे हैं. पीएम जिन आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण करेंगे उन आदि शंकराचार्य की प्रतिमा की कुछ ख़ासियतें हैं. आइए आपको बताते हैं कि जिन आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म के प्रसिद्ध चारों धाम और मठों की स्थापना की और जिन्होंने सनातन धर्म के वैभव को बचाने के लिए और सम्पूर्ण भारत को एकता के सूत्र में पिरोने में महत्वपूर्ण योगदान दिया उनकी ये ख़ास प्रतिमा ने कैसे आकार लिया.
अलग-अलग मूर्तिकारों ने कई मॉडल दिए
श्री आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के निर्माण के लिए अलग-अलग मूर्तिकारों ने कई मॉडल दिए थे, ऐसे क़रीब 18 मॉडल में से उस मॉडल का चयन हुआ जिसका अनावरण प्रधानमंत्री करेंगे, इस प्रतिमा को प्रधानमंत्री की सहमति के बाद चयन किया गया, कर्नाटक के मैसूर के मूर्तिकार अरूण योगीराज ने इस मूर्ति को बनाया है, उनकी पांच पीढ़ियां इस कार्य में जुटी हैं, अरूण खुद एमबीए हैं लेकिन मूर्ति बनाते हैं.
2020 में मूर्ति बनाने का काम शुरू हुआ था
श्री आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के निर्माण के लिए 9 लोगों की टीम ने काम किया और सितंबर 2020 में मूर्ति बनाने का काम शुरू हुआ था और तकरीबन एक साल तक अनवरत चलता रहा, इस साल सितंबर महीने में मूर्ति को मैसूर से चिनूक हेलीकॉप्टर के द्वारा उत्तराखंड ले जाया गया. कृष्ण शिला (ब्लैक स्टोन ) से मूर्ति का निर्माण किया गया.
130 टन की एक ही शिला का चयन
आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के निर्माण के लिए लगभग 130 टन की एक ही शिला का चयन किया गया. शिला को तराशने और काटने- छांटने के बाद प्रतिमा का वजन लगभग 35 टन रह गया. आदि शंकराचार्य की प्रतिमा की ऊंचाई लगभग 12 फीट है, प्रतिमा निर्माण के दौरान शिला पर नारियल पानी का खूब इस्तेमाल किया गया जिससे प्रतिमा की सतह चमकदार हो और आदि शंकरचार्या के “तेज” का प्रतिनिधित्व भी करे.
ब्लैक स्टोन पर आग ,पानी ,बारिश, हवा के थपेड़ों का असर नहीं होगा यानी किसी भी मौसम की मार सहने के योग्य शिला का चयन आदि शंकराचार्य को प्रतिमा के लिए किया गया है.