अहमदाबाद: पीएम मोदी ने देश के पहले गृहमंत्री और लौहपुरुष सरदार पटेल की प्रतिमा देश को समर्पित कर दी. पीएम मोदी ने इसका अनावरण किया. प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमानों ने वहां उड़ान से भरी और भगवा, सफेद और हरे रंग से आसमान में तिरंगा को उकेरा. इस दौरान तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते नजर आए. प्रतिमा पर हेलिकॉप्टर से  फूलों की बारिश की गई.


दुनिया की सबसे उंची प्रतिमा गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध पर बनी है. 182 मीटर उंची पटेल की प्रतिमा को तैयार होने में पांच साल का वक्त लगा.


LIVE UPDATES: देश को समर्पित हुई 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी', पढ़ें अनावरण से जुड़ी पूरी जानकारी


स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की आधारशिला तब गुजरात के सीएम रहे नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2013 को रखी थी और इस प्रतिमा के लिए देशभर से लोहा इकट्ठा करने का अभियान भी चलाया गया था. सरदार पटेल की प्रतिमा पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है जिसके बहाने वो कई मौकों पर कांग्रेस पर सरदार की उपेक्षा करने का आरोप लगा चुके हैं.


इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास बनी टेंट सिटी का उद्घाटन किया. इस टेंट सिटी में सभी सुविधाओं से युक्त 250 तंबू हैं. इनमें 500 पर्यटक ठहर सकते हैं. एक नवंबर से इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. यहां से पर्यटक नर्मदा बांध, सरदार पटेल की प्रतिमा और आस पास के खूबसूरत नजारे देख सकते हैं.


गुजरात के राज्यपाल ओ पी कोहली, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा और मुख्य सचिव जे एन सिंह ने अहमदाबाद हवाई अड्डे पर मोदी की अगवानी की.


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आज सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा जिसमें सरदार पटेल जयंती के इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे. कार्यक्रम में 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार भी नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे.


सरदार पटेल के म्यूजियम का भी होगा लोकार्पण इस अवसर पर कई आकर्षण होंगे, जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और सरदार पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है.


प्रतिमा के अंदर 135 मीटर की ऊंचाई पर एक दर्शक दीर्घा बनाई गयी है, जिससे पर्यटक बांध और पास की पर्वत श्रृंखला का दीदार कर सकेंगे.


आदिवासियों ने किया है प्रतिमा का विरोध नर्मदा जिले के कुछ आदिवासी समूहों ने सरदार पटेल की इस प्रतिमा निर्माण का विरोध किया था. इसी बीच स्थानीय आदिवासी नेताओं ने बुधवार के आयोजन का बहिष्कार करने की घोषणा की है. उन्होंने दावा किया है कि इस परियोजना से प्राकृतिक संसाधनों को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचेगा.
'प्रधानमंत्री का स्वागत नहीं करेंगे'


आदिवासी नेताओं ने मोदी को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध के पास स्थित 22 गांवों के सरपंचों ने कहा है कि जब प्रधानमंत्री समारोह के लिए पहुंचेंगे तो ग्रामीण उनका स्वागत नहीं करेंगे. पत्र में अहमदाबाद से करीब 200 किलोमीटर दूर स्थित नर्मदा जिले के गांवों के सरपंचों के दस्तखत हैं.


पत्र में लिखा है, ‘‘हम गांववासी आपको अत्यंत दुख के साथ बताना चाहते हैं कि हम 31 अक्टूबर को आपका स्वागत नहीं करेंगे. आप यहां बिन बुलाए मेहमान की तरह आएं तो भी आपका यहां स्वागत नहीं है.’’ उन्होंने आरोप लगाया है कि इलाके में अब भी स्कूलों, अस्पतालों और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है.


मोदी ने यहां पहुंचने से कुछ घंटे पहले ट्वीट किया, ‘‘कल, सरदार पटेल की जयन्ती के मौके पर, ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ राष्ट्र को समर्पित की जाएगी. नर्मदा के तट पर स्थित यह प्रतिमा महान सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि है.’’