भारत-चीन सीमा पर पहले चरण की डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है. माना जा रहा है कि दोनों देशों के कोर कमांडर्स की अगली मीटिंग तक एलएसी पर अब 'स्टेट्स-कयो' यानि यथा-स्थिति बनी रहेगी. खास बात ये है कि भारतीय सेना अब फिंगर एरिया 3 तक पीछे हट गई है. चीनी सेना भी फिंगर 4 से फिंगर एरिया नंबर 5 तक पीछे हट गई है.
सूत्रों की मानें तो फिंगर नंबर 4 की 'रिज-लाइन' पर कुछ चीनी सैनिक अभी भी कब्जा किए हुए हैं. लेकिन चीनी सेना ने फिंगर 4 से अपने कैंप को हटाकर फिंगर 5 पर पहुंचा दिया है.
भारतीय सेना के फिंगर एरिया 3 तक पीछे हटने पर सूत्रों ने साफ किया कि भले ही लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल यानि एलएसी फिंगर 4 और 5 के बीच से गुजरती हो लेकिन काफी सालों से भारत की आईटीबीपी पोस्ट फिंगर 3 ('धन सिंह थापा पोस्ट') पर ही थी. चीन से मौजूदा तनाव के वक्त भारतीय सेना ने फिंगर 4 पर अपना अस्थायी कैंप लगा लिया था, जिसे अब हटा लिया गया है क्योंकि चीन ने भी अपना कैंप पीछे हटा लिया है.
सूत्रों के मुताबिक, अगले हफ्ते होने वाली कोर कमांडर स्तर की बैठक में डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के दूसरे चरण पर बातचीत होगी. क्योंकि गलवान घाटी की पैट्रोलिंग पॉइंट नंबर 14, गोगरा की पीपी नंबर 15 और हॉट स्प्रिंग की पीपी नंबर 17 पर भी दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई हैं. दोनों देश की सेनाओं के बीच में जो बफर जोन गया है वहां फिलहाल किसी तरह की कोई पैट्रोलिंग नहीं होगी.
30 जून को भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की बैठक के बाद अब ये माना जा रहा है कि पहले चरण की डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अगले हफ्ते चौथे दौर की बैठक होगी जिसमें डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के अगले चरण पर बातचीत होगी. इस बैठक में डीबीओ यानि दौलत बेग ओल्डी के करीब डेपसांग-प्लेन्स पर चल रहे फेसऑफ पर बातचीत होगी.
भारतीय सेना की लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और चीन की पीएलए सेना के दक्षिणी शिंचयांग मिलिट्री डिस्ट्रिक के कमांडर, मेजर लियु लिन इस कोर कमांडर स्तर की बातचीत में हिस्सा लेंगे. अगले हफ्ते होने वाली बैठक में एलएसी पर दोनों देशों की सेनाओं के हेवी बिल्ट-अप पर भी बातचीत हो सकती है. क्योंकि पूर्वी लद्दाख से सटी 846 किलोमीटर लंबी एलएसी पर दोनों देशों की सेनाओं के करीब 30-40 हजार सैनिकों के साथ साथ टैंक, तोप और हेवी मिलिट्री-मशीनरी का जमावड़ा है.