नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजों से कैसे निपटा जाए, यह बड़ा सवाल बनता जा रहा है. पत्थरबाजी रूकने का नाम ही नहीं ले रही है. श्रीनगर में आज छात्रों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की. श्रीनगर के आलवा गांदरबल में भी छात्रों ने आज विरोध मार्च निकाला और पुलिस पर पत्थर फेंके. छात्रों को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई थी जब पिछले दिनों सेना पुलवामा के डिग्री कॉलेज में गई थी.

आपको बता दें कि 12 अप्रैल को पुलवामा के कॉलेज में भारी बवाल हुआ था जिसमें 55 छात्र जख्मी हो गए थे. आज इसी के विरोध में हंगामा हुआ है. स्कूल और कॉलेज के छात्रों ने पत्थरबाजी की है. कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा रोक दी गई है.

श्रीनगर में इन दिनों पत्थरबाजी की घटना बढ़ गई है. एबीपी न्यूज से सीआरपीएफ के आईजी (ऑपरेशन्स) जुल्फिकार हसन ने बताया कि आतंकी और ओवर ग्राउंड वर्कर्स स्थानीय लोगों को पथराव के लिए उकसाते हैं. पथराव हम लोगों के लिए काफी चिंता का विषय है.

आईजी हसन के मुताबिक बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद वाल तीन महीनों के मुकाबले अभी हिंसा काफी काफी कम हो गई है. जवानों के साथ बदसलूकी के मुद्दे पर आईजी हसन बताते हैं कि संयम बरतना प्रोफेशनल ट्रैनिंग का हिस्सा है. अगर उस दिन फायरिंग होती तो शायद काफी लोगों की जान जा सकती थी. हमने जवानों को कह रखा है कि वो स्थिति के हिसाब से कारवाई करें. उन जवानों ने बड़ी पिक्चर को ध्यान में रखा.

आईजी जुल्फिकार हसन भी मानते हैं कि पिछले एक साल से कानून व्यवस्था में काफी दिक्कत हो रही है. लेकिन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सीआरपीएफ पूरी तरह से तैयार है.