फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'देश के लिए लड़ रहे हैं कश्मीर में पथराव करने वाले युवा', BJP-PDP ने की बयान की निंदा
श्रीनगर: नेशनल कान्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने आज यह कहते हुए घाटी में पथराव करने वाले युवाओं का बचाव किया कि वे देश के लिए लड़ रहे हैं और कश्मीर के लोगों की इच्छा के अनुरूप कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए लड़ रहे हैं.
फारूक अब्दुल्ला के बयान की पीडीपी और बीजेपी ने की कड़ी निंदा
फारूक अब्दुल्ला के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘यह बहुत ही चिंताजनक है...अब्दुल्ला के कद का राजनीतिज्ञ भी आगामी चुनाव के दबाव में आ गया और इसलिए अलगाववादियों की भाषा बोलने की ओर झुकाव बढ़ रहा है.’’
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के इस बयान की राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी दलों पीडीपी और बीजेपी ने कड़ी निंदा की. पीडीपी ने टिप्पणी को ‘राजनीतिक अवसरवाद’ बताया जबकि बीजेपी ने कहा कि यह ‘‘चिंताजनक’’ है.
अब्दुल्ला ने कहा कि पथराव करने वाले युवा अपनी जान पर्यटन के लिए नहीं दे रहे हैं. अब्दुल्ला श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में विपक्षी नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. इस लोकसभा सीट के लिए मतदान नौ अप्रैल को होगा.
''युवाओं को पर्यटन और आतंकवाद के बीच चयन करने की जरूरत''
अब्दुल्ला ने यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही जो उन्होंने गत दो अप्रैल को चेनानी-नाशरी सुरंग के उद्घाटन के दौरान दिया था. मोदी ने तब कहा था कि कश्मीर के युवाओं को पर्यटन और आतंकवाद के बीच चयन करने की जरूरत है.
अब्दुल्ला ने सोनवार में एक चुनावी रैली में कहा, ‘‘यदि वह (पथराव करने वाला युवक) अपनी जान दे रहा है, वह पर्यटन के लिए नहीं कर रहा है. वह अपनी जान इसलिए दे रहा है ताकि इस देश के भाग्य का निर्णय हो सके जो इस स्थान के लोगों को स्वीकार्य हो. इसे समझने की जरूरत है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हाल में सुरंग शुरू की गई. उन्होंने (प्रधानमंत्री) कहा कि यहां के युवाओं को सोचना होगा कि उन्हें पर्यटन चाहिए या आतंकवाद. मैं मोदी साहब से कहना चाहता हूं कि पर्यटन हमारी जीवन रेखा है, इसमें कोई संदेह नहीं है.’’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘यद्यपि वह एक पथराव करने वाला है. उसका पर्यटन से कोई लेना देना नहीं. वह भूखे मर जाएगा लेकिन वह अपने देश के लिए पथराव कर रहा है और इसे समझने की जरूरत है.’’ अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि यदि भारत और पाकिस्तान अपने मुद्दे नहीं सुलझा सकते तो अमेरिका को आगे आना चाहिए और उनके द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने में एक तीसरे पक्ष के तौर पर मदद करनी चाहिए.
चुनावी लाभ के लिए अलगाववादियों की भाषा बोल रहे हैं फारूक: जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला द्वारा कश्मीर में पथराव करने वालों का बचाव करने को आज ‘‘चिंताजनक’’ बताया और उन पर आरोप लगाया कि चुनावी लाभ के लिए उनका झुकाव ‘‘अलगाववादियों की भाषा’’ बोलने की ओर बढ़ रहा है.
जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘यह बहुत ही चिंताजनक है...अब्दुल्ला के कद का राजनीतिज्ञ भी आगामी चुनाव के दबाव में आ गया और इसलिए अलगाववादियों की भाषा बोलने की ओर झुकाव बढ़ रहा है.’’ उन्होंने 1994 के संसद के उस प्रस्ताव का उल्लेख किया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को पड़ोसी देश से आजाद कराकर उसका विलय भारत के साथ किया जाए. सिंह ने कहा कि अब्दुल्ला की पार्टी ने उस रूख का समर्थन किया था.
मंत्री ने कहा कि अब्दुल्ला ने कई बार यह रिकॉर्ड में कहा है कि भारत को पाकिस्तानी धरती पर संचालित होने वाले आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर ‘‘बमबारी’’ करनी चाहिए. सिंह ने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि एक विशेष मतदाता वर्ग को आकषिर्त करने के वास्ते कुछ कश्मीर केंद्रित प्रचारकों का झुकाव अलगावादियों की भाषा इस्तेमाल की ओर हुआ है.’’