राम मंदिर में लगने वाले पत्थरों पर हुआ मंथन, जानिए कहां-कहां से मंगवाए जाएंगे पत्थर
रामलला के मंदिर निर्माण में बंसी पहाड़पुर पिंक स्टोन का इस्तेमाल होना है, इसलिए रामलला के मंदिर की बुनियाद निर्माण के बाद 16 फुट ऊंची बेस प्लिंथ में मिर्जापुर के पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा.
अयोध्या: मंदिर निर्माण समिति की बैठक में ट्रस्ट के पदाधिकारी और रामलला के मंदिर निर्माण में जुड़ी कार्यदाई संस्था के इंजीनियर और अधिकारियों के साथ 2 दिन बैठक हुई. इस बैठक में मंदिर में लगने वाले पत्थरों पर भी मंथन हुआ. इस दौरान तय हुआ कि भगवान रामलला के मंदिर का निर्माण राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से आए पिंक स्टोन से होगा लेकिन मंदिर के चौखट बाजू में मकराना के सफेद उच्च कोटि के मार्बल को लगाया जाएगा.
वहीं संपूर्ण गर्भ ग्रह में 30 चौखट बाजू का इस्तेमाल होगा. रामलला के मंदिर निर्माण में बंसी पहाड़पुर पिंक स्टोन का इस्तेमाल होना है, इसलिए रामलला के मंदिर की बुनियाद निर्माण के बाद 16 फुट ऊंची बेस प्लिंथ में मिर्जापुर के पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा. पानी के रिसाव से प्लिंथ को बचाने के लिए 3 लेयर में ललितपुर के ग्रेनाइट पत्थर बिछाए जाएंगे.
श्री राम जन्मभूमि न्यास की कार्यशाला में राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को तराश कर रखा गया है. वहीं मॉडल के तौर पर मंदिर में लगने वाले इन चौखट बाजू के पत्थरों को भी रखा गया. संपूर्ण मंदिर के निर्माण में मकराना मार्बल के 30 चौखट बाजू लगाए जाएंगे.
ट्रस्ट की प्राथमिकता है कि 2023 में भगवान रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण हो जाए और 2023 के आखिरी तक भगवान रामलला अपने गर्भ ग्रह में बैठकर राम भक्तों को दर्शन देंगे. राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि परकोटे में जोधपुर के पत्थर को इस्तेमाल करेंगे.
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