काठमांडू: भारत ने नेपाल से कहा है कि वह भारतीय क्षेत्र कालापानी, लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और गुंजी में अपने नागरिकों की 'अवैध' आवाजाही को रोके. स्थानीय मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, इस महीने की शुरूआत में नेपाली प्रशासन को लिखे एक पत्र में भारतीय अधिकारी ने कहा कि नेपाली लोग समूह में 'अवैध' तरीके से इन क्षेत्रों में प्रवेश करना चाहते हैं, जिससे दोनों देशों के लिए परेशानी पैदा होगी.
हिमालयन टाइम्स ने खबर दी है कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में धारचुला के उप जिला आयुक्त अनिल शुक्ला ने 14 जुलाई को लिखे पत्र में नेपाली प्रशासन से ऐसी गतिविधियों की सूचना भारतीय अधिकारियों से साझा करने का भी आग्रह किया. नेपाल के दारचुला के मुख्य जिला अधिकारी शरद कुमार पोखरेल के हवाले से अखबार ने कहा, "हमें, नेपालियों को (भारतीय) क्षेत्रों में जाने से रोकने के भारत के फैसले के बारे में एक पत्र मिला है और कॉल आया है."
अखबार ने कहा कि अपने जवाब में नेपाली अधिकारियों ने कहा कि कालापानी, लिम्पियाधुरा और गुंजी में उसके नागरिकों की आवाजाही "स्वाभाविक" है, क्योंकि ये क्षेत्र देश (नेपाल) से संबंधित हैं.
ये है मामला
बता दें कि पिछले महीने नेपाल की संसद के दोनों सदनों द्वारा पास किए जाने के बाद नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने नेपाल के मैप में बदलाव संबंधित संशोधन विधेयक (कोट ऑफ आर्म्स) को मंजूरी दे दी थी. इस संशोधित कानून के माध्यम से नेपाल भारत के उत्तराखंड में कालापानी, लीपूलेख और लिम्पियाधुरा को अपना बता रहा है.