सस्पेंस और रोमांच से भरी किसी फिल्म की तरह ही है सीमा पार पाकिस्तान से आई सीमा रिंद की कहानी. सीमा रिंद ने हिंद से नाता जोड़कर भारत से लेकर पाकिस्तान तक सनसनी फैला दी है. स्थानीय मीडिया से लेकर अंतराष्ट्रीय मीडिया तक हर तरफ इस ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’ के चर्चे हैं.
सीमा और सचिन की इस प्रेम कहानी का आगाज तो बहुत शानदार नजर आ रहा है, लेकिन अभी इसका अंजाम आना बाकी है. कहते हैं प्रेम अंधा होता है, यह तो सीमा के दुस्साहिक कदम ने साबित कर दिया है, लेकिन उनके इस इस अकल्पनीय, अद्भुत और अविस्मरणीय कदम ने भारत से लेकर पाककस्तान में कराची तक कोहराम मचा दिया है.
अंजाम से अंजान है प्रेमी युगल
अंजाम इस कहानी का अभी भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है. बावजूद इसके इतना तय है कि सीमाओं के बीच रची-बसी सीमा और सचिन की प्रेम कथा आने वाले कल के लिए एक ‘नजीर’ जरूर बनेगी. अब इस कहानी की सबसे अहम और महत्वपूर्ण बात यह है कि यह नजीर सकारात्मक रूप में आती है या नकारात्मक रूप में. इसके लिए आपको इस खबर में दी गई जानकारी पर गहनता से विचार करना होगा. आइए जानते हैं कि आखिर क्यों सीमा-सचिन की प्रेमकथा ‘नजीर’ बनेगी.
कैसे बनेगी ‘नजीर’ बड़ा सवाल
सीमा रिंद और सचिन मीणा की कहानी की अगर फेयरीटेल एंडिग होती है तो इसका दोनों देशों की युवा पीढ़ी पर काफी गहरा असर पड़ेगा. इसके बाद हो सकता है कि ‘गदर एक प्रेम कथा’ और वीर-जारा जैसी कहानियों की बाढ़ आ जाए. आखिर सीमा के साहस ने पाकिस्तान में कड़ी पाबंदियों में रहने वाली लड़कियों और औरतों का हौसला तो बढ़ाया है.
नजीर का दूसरा और खौफनाक पहलू भी है. वह यह कि जितना खौफ सीमा को पाकिस्तान लौटने पर होने वाले हश्र को लेकर है. लगभग उतना ही खतरा सीमा और सचिन के लिए कट्टरपंथियों से यहां भारत में भी है.
वह किसी भी कीमत पर इस प्रेमकथा को अमर नहीं होने देंगे. इस कारण शांदी करने के बाद भी सचिन-सीमा के साथ-साथ उनके परिवार पर भी हमेशा खतरा मंडराता रहेगा. भारत सरकार चाहकर भी प्रेमी जोड़े और उऩके परिवार को 24 घंटे की सुरक्षा मुहैया नहीं करा सकती है. राजस्थान की राजधानी जयपुर में नूपुर शर्मा के समर्थन में फेसबुक पोस्ट लिखने वाले कन्हैया का कट्टरपंथियों ने क्या अंजाम किया था इससे तो भारत और पाकिस्तान का लगभग हर व्यक्ति वाकिफ होगा.
अग्निपथ पर चलना होगा सचिन-सीमा को
अभी हालांकि सचिन और सीमा ने हिंदू रीति रिवाज से शादी नहीं की है. सचिन के परिवार ने सीमा को बहू के रूप में स्वीकार कर लिया है. अब सचिन की मां का कहना है कि वह अपनी होने वाली बहू सीमा को गंगा स्नान कराकर उसका हिंदू रीति रिवाज के साथ विवाह कराएंगीं. अगर यह सब कुछ आसानी से हो भी जाता है तो भी सचिन और सीमा को अपने पूरे
जीवनभर अग्निपथ पर चलना होगा. क्या सचिन के रिश्तेदार और आस-पड़ोस के लोग सीमा और उसके चारों बच्चों को वही प्यार सम्मान दे पाएंगे? जब ये बच्चे बड़ें होंगे तो वह स्कूल जाएंगे और बाहर पड़ोस के बच्चों के बीच वह कैसे सहज हो पाएंगे. समाज उनसे सवाल
पूछ-पूछकर और उनके मां-बाप की कहानी बताकर उनके अंदर हीन भालना और घृणा पैदा कर सकता है. ऐसे ही कई यक्ष प्रश्न सचिन-सीमा और सचिन के परिवार के समक्ष भविष्य में खड़े होंगे. सीमा रिंदे के सीमा सचिन बन जाने और चारों बच्चों के राज, प्रियंका, परी और मुन्नी बन जाने से भविष्य में आने वाली समस्याओं के समाधान नहीं मिल पाएंगे.
यह भी तय नहीं कौन सच्चा और कौन झूठा
सीमा रिं की कहानी में कितनी सच्चाई है अभी पूरी तरह से तय नहीं हुआ है. सीमा का कहना है कि उसका उसके पति गुलाम हैदर, जोकि सऊदी अरब में रहता है, से तलाक हो चुका है. वहीं उसके शौहर गुलाम हैदर का कहना है कि उसने अपनी बीवी को अभी तक तलाक नहीं दिया है.
इतना ही नहीं उसने बकायदा एक वीडियो संदेश सऊदिया से जारी करते हुए भारत की मोदी सरकार से अपनी बीवी यानी सीमा रिंद को वापस पाकिस्तान भेजने की गुजारिश की है. इतना ही नहीं उसने कहा है कि अगर सीमा जाना चाहती है तो जाए लेकिन उसके बच्चे उसे वापस लौटा दिए जाएं.
दूसरी ओर सीमा किसी भी कीमत पर पाकिस्तान जाने के लिए तैयार नहीं है. उसका कहना है कि वह मर जाएगी मगर पाकिस्तान वापस कभी नहीं जाएगी. इसके अलावा उसने अपने बच्चे देने से भी इंकार कर दिया है. उसका कहना है कि बच्चे उसके बगैर रह नहीं सकते. उसका उसके पति के साथ 2021 के बाद कोई राब्ता नहीं रहा.
बहरहाल इतना तो तय है कि इस अजब प्रेम की गजब कहानी में आने वाले दिनों में कई और रोचक तथ्य उजागर होने वाले हैं. भारत सरकार सीमा को नागरिकता देगी या नहीं यह भी एक बड़ा सवाल अभी भविष्य के गर्भ में ही है.