Zojila and Z-Morh Tunnel: सर्दियों में मौसम में भारी बर्फबारी से श्रीनगर से सोनमर्ग और आगे लेह लद्दाख का रास्ता बर्फ के चलते चार से पांच महीने बंद हो जाता है. इस दिक्कत को दूर करने के लिए केंद्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने बर्फबारी में भी देश से जोड़ने के लिए नए रास्ते बना रही है, जिसमें करीब 7 किलोमीटर और 13 किलोमीटर लंबे दो टनल बना रही है. इसे सर्दियों में बर्फबारी में के चलते सोनमर्ग, द्रास, कारगिल, लेह और लद्दाख संपर्क नहीं टूटेगा. इस प्रोजेक्ट का जायज़ा लेने मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री पहुंचे थे.


धरती का स्वर्ग कहे जानेवाले कश्मीर में सर्दियों में बर्फ देखने लाखों सैलानी देश-विदेश से आते हैं. लेकिन इसी बर्फ की वजह से श्रीनगर से कई इलाके कट जाते हैं. सर्दियों में बर्फबारी की वजह से गंधरबाल, द्रास, कारगिल, लेह और लद्दाख का श्रीनगर से संपर्क टूट जाता है. इतनी ज्यादा बर्फ होती है कि रास्ते महीनों बंद रहते हैं. बर्फबारी की दिक्कत की वजह से खाने-पीने की चीज़ नहीं मिलती है ना ही कोई रह पाता है. इस परेशानी को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने NH-1 के साथ रास्ता तैयार कर रही है, जिसे समय भी कम लगे और साल के 12 महीने इसका इस्तेमाल भी हो सके. मंत्रालय ने NH-1 के साथ ही दो टनल और छोटे बड़े ब्रिज का निर्माण कर रही है.


सबसे पहले बात सोनमर्ग की. सोनमर्ग गंधरबल जिले में आता है और एक बड़ा पर्यटक स्थल है. लेकिन सर्दियों में भारी बर्फबारी की वजह से इसका संपर्क चार से पांच महीनों तक श्रीनगर से टूट जाता है. सोनमर्ग को साल के 12 महीने श्रीनगर से जोड़ने के लिए खास टनल तैयार की गई है जेड मोर. करीब 7 किलोमीटर लंबी ये टनल ऑल वेदर होगी. टनल का काम तेजी से चल रहा है और टनल की खुदाई का काम लगभग पूरा हो चुका है.


टनल के समांतर में एस्केप टनल बन रही है जो इमरजेंसी स्थिति में उपयोग होगा. टनल में वेंटिलेशन के लिए हॉरिजॉन्टल टनल बनी है. टनल में खुदाई के बाद अब वॉटर प्रूफिंग और लाइनिंग का काम चल रहा है. इस टनल से सोनमर्ग से कनेक्टिविटी रहेगी. इससे इलाके के लोगों को सर्दियों में बर्फबारी की वजह से घर नहीं छोड़ना होगा. वहीं, पहाड़ों में बर्फबारी देखने जैसे जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग जाते है उसी तरह सोनमर्ग में भी आ सकेंगे.


इस टनल के खुलने से साल के बारह महीने श्रीनगर से सोनमर्ग और आगे बालटाल रास्ता खुला रहेगा. ये टनल अगले साल जून तक पूरी तरह बनकर ऑपरेशनल होने की उम्मीद है. जहां श्रीनगर से सोनमर्ग जुड़ा रहेगा तो वहीं सोनमर्ग से आगे बालटाल, लेह, द्रास, कारगिल और लद्दाख को भी इसी तरह की टनल से जोड़ने का प्लान है. सोनमर्ग से कुछ दूर बालटाल जहां से अमरनाथ यात्रा शुरू होती है वहां से एशिया की सबसे लंबी टनल बन रही है.


ये सड़क कई मायनों में बहुत अहम है. इससे ना सिर्फ श्रीनगर से सोनमर्ग के रास्ते लेह लद्दाख जुड़ जाएगा बल्कि भारी बर्फबारी में भी श्रीनगर से लद्दाख और लेह जाना आसान हो जाएगा. इस प्रोजेक्ट के डीजीएम प्रशांत कुमार बताते है इस टनल के बन जाने से कई फायदे होंगे. एशिया की सबसे बड़ी इस टनल में स्टेट ऑफ आर्ट तकनीक से बन रही है. इसमें खास तरह की वर्टिकल टनल बनाई जाएगी जिसे वेंटिलेशन होगा.


जहां श्रीनगर को सोनमर्ग से जोड़ने वाले टनल का काम तेजी हो रहा है और अगले साल खुलने की उम्मीद है, वहीं श्रीनगर को लेह लद्दाख से जोड़ने वाले जोजिला टनल भी साल 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगी.


एशिया की सबसे बड़ी टनल कश्मीर के गांदरबल जिले से लद्दाख क्षेत्र के मीनामार्ग तक बन रही है जोजिला टनल. इस टनल की लंबाई करीब साढ़े 13 किलोमीटर है. इस टनल के बन जाने पर बालटाल से लेह तक के सफर में जहां साढ़े तीन घंटे से चार घंटे लगते थे, इसके बन जाने पर सिर्फ 18 मिनट में सफर पूरा हो जाएगा. ये टनल स्टेट ऑफ द आर्ट टेक्नोलॉजी से बन रही है.


इसमें पहली बार वेंटिलेशन के लिए तीन वर्टिकल टनल बनाई जा रही है. वहीं टनल में सभी आधुनिक तकनीक होंगी, जैसे सीसीटीवी कैमरा, फायर सेंसर एंड अलार्म, फायर फाइटिंग सिस्टम, एडवांस लाइटिंग होगी जिसे सेंट्रल कंट्रोल रूम देखा जाएगा. ये टनल ऑल वेदर होगी यानी साल के बारह महीने खुली रहेगी, जिसे कश्मीर से लेह लद्दाख जाना आना आसान है. सर्दी के मौसम यी पांच महीने बर्फ से सोनमर्ग से बालटाल का इलाका घिरा रहता है इसलिए आवाजाही नहीं हो पाती है.


इस टनल के बन जाने से सेना और अर्धसैनिक बल आसानी से सर्दी के मौसम में श्रीनगर से लेह, कारगिल, द्रास और लद्दाख जैसे इलाकों में आसानी से जा सकते है. इस टनल का काम काफी तेजी से चल रहा है और अब तक दोनों तरफ से साढ़े पांच सौ मीटर खुदाई हो चुकी है. जोजिला टनल का काम साल 2026 में पूरा होगा. लेकिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसे बनानेवाली कंपनी से इसे दिसंबर 2023 तक पूरा करने की बात कही है ताकि जनवरी 2024 में पीएम मोदी से उद्घाटन करवाया जा सके. फिलहाल जेड मोड़ का काम अगले साल खुलने की उम्मीद है. इनके बने से ना सिर्फ कनेक्टिविटी रहेगी बल्कि इस इलाके में रह रहे लोगों के जीवन भी बदलेगा.


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