नई दिल्ली: यूपी की योगी सरकार ने भले ही खुले घूमने वाले जानवरों के लिए गौशालाओं का निर्माण करा दिया हो लेकिन इनमें से अधिकांश गौशालाओं में अव्यवस्था है. हालांकि ग्रामीण स्तर पर गौशाला बनने के बाद आवारा पशुओं की संख्या में कुछ कमी आई है लेकिन शहरों और रिहायशी इलाकों में आवारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिससे आए दिन सड़कों पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं.
ताज़ा मामला गोंडा जिला महिला अस्पताल के वार्ड का है जहां पर जानवर खुले घूमते नजर आ रहे हैं और जिला महिला अस्पताल के सुरक्षा गार्ड और कर्मचारी इसको भगाने की जहमत भी नहीं उठाते हैं. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि अगर कोई अनहोनी हो जाएगी तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी.
आवारा पशु किसानों के खेत को बर्बाद करने से लेकर सड़कों पर घूमते हुए हादसों को दावत देते हुए अक्सर नजर आ जाएंगे लेकिन गोंड़ा जिले के स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापवाही के चलते इन जानवरों ने जिला महिला अस्पताल को ही गौशाला बना लिया है.
हैरानी की बात तो ये है कि मौके पर ना ही कोई गार्ड है ना ही सुरक्षाकर्मी और न ही कोई कर्मचारी वार्ड में घुसे जानवर को भगाने की जहमत नहीं उठा रहा है. जबकि पास के वार्ड में ऐसे कई पेशेंट बेड पर हैं जिन्होंने कुछ घंटों पहले ही शिशु को जन्म दिया है. ऐसे में खूंखार सांड के हमले से खुद को बचाएं या फिर नवजात को.
वहीं इस पूरे मामले पर जिला महिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का कहना है अगर अस्पताल में वार्ड तक मवेशी पहुंच रहे हैं तो यह गंभीर मामला है. अब ऐसा होने पर सुरक्षाकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल परिसर के कई तरफ गेट खुला रहता है और एक बाउंड्री भी टूटी हुई है उसको भी सही करवाया जाएगा ताकि आवारा मवेशी जिला महिला अस्पताल के परिसर में ना पाएं.