कोरोना महामारी से निपटने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण इंसानों के सामने तो रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो ही गया है, लेकिन जानवरों के लिए भी अपना पेट भरना मुश्किल हो गया है. खासतौर पर आवारा मवेशियों और कुत्तों को इंसानी गतिविधियों के बिना अपना आहार जुटाना मुश्किल हो रहा है. ऐसी स्थिति के मद्देनजर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के संवेदशीलता दिखाते हुए आवारा पशुओं को आहार के लिए भी 60 लाख रुपए का प्रावधान किया है.


होटलों व फल-सब्जी मंडियों पर निर्भर रहते हैं कई आवारा पशु


कोरोना के वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पूरे देश की ही तरह ओडिशा में लॉकडाउन की घोषणा की है. लॉकडाउन के दौरान इंसानी गतिविधियों पर रोक का असर उन बेजुबान जानवरों पर भी पड़ता है जो अपने भोजन के लिए होटलों, सब्जी व फल मंडियों से निकले पदार्थों पर निर्भर रहते हैं. इन्हीं मूक प्राणियों की पीड़ा को समझते हुए ओडिशा में मुख्यमंत्री ने पूरे लॉकडाउन काल में इनका पेट भरने की व्यवस्था की है.


बंदरों, गायों और कुत्तों की दिया गया खाना


मुख्यमंत्री कोष से जारी 60 लाख रुपए की इस राशि से नगर-निगम, नगर पालिका, स्वयं सेवी संस्थाएं और अन्य स्थानीय निकाय आवारा पशुओं को भोजन देने का कार्य करेंगे. इस आदेश को अमल में लाते हुए राज्य के जाजपुर जिले में नगर निगम ने महाविनायक मंदिर के पास गाय, बंदरों और आवारा कुत्तों को खाना दिया. जिला प्रशासन ने लोगों से ये अपील भी की है कि लॉकडाउन की इस अवधि के दौरान वे अपने आसपास के आवारा पशुओं को भोजन व पानी दें ताकि इस बेतहाशा गर्मी में उनके प्राणों की रक्षा हो सके.  


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