Stray Dogs In Mumbai: मुंबई में आवारा कुत्तों की दहशत बढ़ती जा रही है. घर से निकलने पर पर कब कुत्ता काट ले, इसकी कोई गारंटी नहीं है. कुत्तों के काटे जाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसा हम नहीं, बीएमसी के आंकड़े कह रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई में हर एक घंटे में 10 लोग कुत्ते के काटने से घायल होते हैं. वहीं, इस साल रेबीज से बीते 5 साल में पहली मौत हुई है.
बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, साल 2022 में 78 हजार से अधिक लोग कुत्तों के काटने से घायल हुए थे. बीएमसी के मुताबिक, लॉकडाउन के बाद कुत्तों के काटने के मामले तेजी से बढ़े हैं.
क्यों काटते हैं कुत्ते ?
डॉक्टर और प्रोफेसर संतोष त्रिपाठी ने एबीपी न्यूज को बताया कि आमतौर पर लोग कुत्तों से डर जाते हैं या सही बर्ताव नहीं करते हैं. इसी कारण से कुत्ते हमला करते हैं. उन्होंने लोगों को सलाह दी कि अगर कोई कुत्ता काटता है तो सबसे पहले उस जख्म को साफ पानी से 10 से 12 बार धो लें. अगर स्क्रैच ज्यादा हैं तो एंटी रेबीज के 5 इंजेक्शन लगाए जाते हैं. एंटी रेबीज का एक प्रीकॉशनरी डोज भी मौजूद है जो पहले भी लगाया जाता है.
लॉकडाउन का कुत्तों पर असर
तरोनिश बलसारा वर्ल्ड फॉर ऑल नाम का एनजीओ चलाते हैं. वे 13 साल से लावारित कुत्तों की देखभाल कर रहे हैं. बढ़ते कुत्तों के हमलों के बारे में उन्होंने एबीपी न्यूज को बताया के लॉकडाउन के समय जिस तरह से इंसान परेशान हुआ था उसी तरह से कुत्ते भी परेशान हुए थे. इस बदलाव से उनके अंदर डर पैदा हुआ है. उनका एनजीओ हर महीने कुत्तों का स्टरलाइजेशन और टीकाकरण का काम करता हैं. वह खुद हर महीने कुत्ते और बिल्लियों को मिलाकर करीब 180 तक स्टरलाइजेशन और टीकाकरण करते हैं.
इस मामले में बीएमसी के एक अधिकारी ने ऑफ द रिकॉर्ड पिछले 5 सालों में हुए स्टरलाइजेशन की जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि बीएमसी ने 6 एनजीओ के साथ मिल कर स्टरलाइजेशन और टीकाकरण का अभियान जारी रखा है. आखिरी बार मुंबई शहर में 2014 में कुत्तों और बिल्लियों की गिनती की गई थी.
किस साल कितने कुत्तों का स्टरलाइजेशन ?
2018- 21,886
2019- 18,912
2020- 14,407
2021- 17,534
2022- 10,484
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