होमवर्क नहीं करने की छात्रा को सजा, शिक्षक ने छात्राओं से लगवाए 168 थप्पड़
छात्रा के पिता ने बताया की ठीक हो जाने के बाद 11 जनवरी को स्कूल जाने पर होमवर्क पूरा नहीं कर पाने पर शिक्षक मनोज कुमार वर्मा ने अनुष्का के गालों पर उसकी कक्षा की ही 14 लड़कियों से 11 से 16 जनवरी तक रोज 2-2 थप्पड़ लगवाए.
मध्य प्रदेश: देश में जहां 'बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं अभियान' और 'सर्वशिक्षा अभियान' चल रहे हैं वहीं मध्यप्रदेश से मायूस करने वाली खबर आई है. मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले के एक स्कूल की 12 वर्षीय छात्रा को होमवर्क नहीं करने पर शिक्षक ने सजा के तौर पर क्लास की ही छात्राओं से छह दिनों तक उसे 168 थप्पड़ लगवाए. छात्रा के पिता ने इसकी शिकायत प्राचार्य से लिखित में की है.
जिला मुख्यालय से 34 किलोमीटर दूर थांदला तहसील मुख्यालय पर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में छठी कक्षा की छात्रा अनुष्का सिंह के पिता शिवप्रताप सिंह ने घटना की शिकायत तीन दिन पहले स्कूल के प्राचार्य से की. लिखित पत्र में उन्होंने कहा कि उनकी बेटी कुछ दिनों से बीमार चल रही थी और उपचार के लिए रोज उसे अस्पताल ले जाना पड़ता था. इसके कारण वह होमवर्क में पिछड़ गई थी.
छात्रा के पिता ने बताया की ठीक हो जाने के बाद 11 जनवरी को स्कूल जाने पर होमवर्क पूरा नहीं कर पाने पर शिक्षक मनोज कुमार वर्मा ने अनुष्का के गालों पर उसकी कक्षा की ही 14 लड़कियों से 11 से 16 जनवरी तक रोज 2-2 थप्पड़ लगवाए. इस वजह से उनकी बेटी मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना का शिकार होकर दहशत के कारण फिर से बीमार हो गयी. घरवालों के पूछे जाने पर आपबीती बताई. लड़की के पिता ने बताया कि शिक्षक की इस हरकत के कारण बालिका बहुत डरी हुई है और अब स्कूल नहीं जाना चाहती. उन्होंने कहा कि बालिका का इलाज थांदला के सरकारी अस्पताल में चल रहा है.
थांदला पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक एसएस बघेल ने कहा कि छात्रा के पिता से इस मामले में शिकायत मिली है. उन्होंने कहा, "हमें शिकायत प्राप्त हुई है. मेडिकल जांच में छात्रा पर कोई चोट नहीं मिली है. लेकिन दूसरी छात्राओं ने घटना की पुष्टि की है. हम मामले में आगे जांच कर रहे हैं, हालांकि इस मामले में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है."
आश्चर्यजनक रूप से विद्यालय के प्राचार्य के सागर ने शिक्षक का बचाव करते हुए इसे एक फ्रेंडली सजा बताया और कहा, "जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते हैं उन्हें विद्यालय नियमों के तहत शिक्षक सजा नहीं दे सकते हैं. बच्चे के सुधार के लिए शिक्षक वर्मा ने दूसरे बच्चों से बोलकर छात्रा को ऐसी सजा दिलवाई है और बच्चों ने उसे थप्पड़ जोर से नहीं मारे हैं, यह एक फ्रेंडली सजा है. फिर भी हम इस मामले को दिखवाएंगे और अभिभावकों को बुलाकर इस मामले में चर्चा करेंगे."
इस मामले पर डीएम आशीष सक्सेना ने कहा कि उनके संज्ञान में यह यह मामला आया है और वह इस मामले को देखेंगे उसके बाद ही कोई कार्रवाई की जायेगी.