लॉकडाउन के बीच विद्यार्थियों ने की पूर्व अध्यापकों की मदद, पहुंचाया खाना और दवा
देश भर में लॉकडाउन जारी है. लोगों के घरों से निकलने को लेकर पाबंदी है. ऐसे में एक विद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों ने अपने 70-80 साल के अध्यापकों के घर खाना और दवा पहुंचाई.
कोलकाता: कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान दक्षिण कोलकाता में एक पूर्व विद्यार्थी अपने साथियों के साथ अध्यापकों को दवा पहुंचाने में लगे है. दरअसल एक कार पर आपात दवा आपूर्ति का स्टीकर लगा कर ये पूर्व विद्यार्थी अपने पूर्व अध्यापकों को दवा पहुंचाने का काम कर रहे हैं. आपको बता दें कि मारूती 800 कार में अनुपम सेन अपने सहपाठियों के साथ दवाईयों से लेकर खाने-पीने की चीज़े पहुंचाने का काम कर रहें है. बताया जा रहा है कि सभी अध्यापकों की उम्र 70 से 80 की है.
साउथ प्वाइंट स्कूल के 40 पूर्व विद्यार्थियों के समूह ‘प्वाइंटर्स हू केयर्स’ के पास प्रथम चरण में सामान पहुंचाने के लिए 15 पूर्व अध्यापकों-अध्यापिकाओं की सूची थी. जिनमें दीपाली सिन्हा रॉय (89) का नाम भी शामिल है. उनकी दो बेटियां यूरोप में हैं. राय ने कहा,‘‘मेरे पास दवाइयां खत्म हो रही थीं और मेरे लिए अचरज भरी बात यह थी कि मुझे 24 मार्च को उनका कॉल आया उन्होंने एक महीने की मेरी दवाओं और सामान की सूची ली’’ उन्होंने कहा, ’’28 मार्च सुबह को वे आये और सारी चीजें पहुंचा गये. मेरे बच्चे मुझसे दूर हैं और ऐसे संकट में मेरे पास नहीं आ सकते ऐसे समय पर मेरे ही छात्र मेरे रक्षक बनकर आये हैं.’’
राय विद्यालय में बांग्ला पढ़ाती थीं और उन्हें उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी परेशानियां है. उन्होंने कहा कि सेन और उनके साथी न केवल दवाएं दे गये बल्कि उन्हें डॉक्टर के पास भी ले गए. अंग्रेजी की पूर्व शिक्षिका अनिंदिता सेन ने कहा, ‘‘आम तौर पर स्थानीय दवा दुकानदार हमारे घर दवा पहुंचाते हैं लेकिन इस बार उन्होंने हमारा फोन उठाना भी बंद कर दिया. मेरे पूर्व विद्यार्थी हमारे बचाव के लिए आगे आये’’ सेन और उनके पति जोधपुर पार्क में रहते हैं सेन को मधुमेह और उनके पति को पार्किंसन बीमारी है वे एक दिन भी दवा के बगैर नहीं रह सकते.