Gorakhpur News: यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन चल रहा है. ऐसे में परीक्षाओं की कॉपी जांचने वाले परीक्षकों को स्टूडेंट्स (परीक्षार्थी) नोट यानी रुपए का लालच देने के साथ अजब-गजब गुहार लगा रहे हैं. वे पिता की बीमारी के साथ गरीब होने तक का हवाला दे रहे हैं. इतना ही नहीं बहुत से स्टूडेंट्स तो ऐसे हैं, जो उत्‍तरपुस्तिका में प्रश्‍नपत्र ही उतार दिए हैं. अजब-गजब कॉपियों से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि वैश्विक महामारी कोरोना ने स्टूडेंट्स के खुद के मूल्यांकन में उन्हें किस कदर फेल कर दिया है.


 मजबूरी बताकर लगा रहे हैं पास होने की गुहार
गोरखपुर के राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में माध्‍यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की ओर से आयोजित हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं का मूल्यांकन चल रहा है. ऐसे में डेढ़ से दो सौ परीक्षक हर रोज कॉपियों का मूल्यांकन कर रहे हैं. इस समय इंटरमीडिएट की भौतिक, अंग्रेजी और हिन्दी की कॉपियों का मूल्यांकन कार्य चल रहा है. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक परीक्षक ने बताया कि उन्हें कॉपियों में दो बार 500 सौ के नोट मिले हैं. वहीं एक अन्‍य परीक्षक ने बताया कि एक स्टूडेंट ने पिता की बीमारी का हवाला देते हुए परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाने की बात लिखी है. उसने पास करने की गुहार भी लगाई है.


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दिया गया है गरीबी का हवाला
एक अन्‍य परीक्षक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि एक स्टूडेंट ने गरीब होने का हवाला देते हुए परीक्षा में पास करने की गुहार लगाई है. एक अन्‍य परीक्षक ने बताया कि एक स्टूडेंट ने कोरोना के प्रकोप की वजह से पढ़ाई ठीक से नहीं कर पाने का हवाला देते हुए पास करने की बात कही है. ऐसे ही उत्‍तर पुस्तिकाओं में कई तरह के अजब-गजब संदेश देखने को मिल रहे हैं. हालांकि परीक्षक इन संदेशों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और वे पूरी पारदर्शिता के साथ परीक्षा के मूल्यांकन कार्य में लगे हुए हैं. गोरखपुर में मूल्यांकन के लिए कुल पांच केन्द्र बनाए गए हैं. जहां कुल 8,36,506 कॉपियों का मूल्यांकन होना है.




चार से पांच तारीख तक हो जाएगा मूल्यांकन
गोरखपुर के राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के उप प्रधानाचार्य किरण कुमार आरेतो ने बताया कि मूल्यांकन कार्य 24 अप्रैल से शुरू हुआ है. उनके पास 32 डीएचई और 167 परीक्षक मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि प्रत्येक कमरों का निरीक्षक जाते हैं. यहां पर परीक्षकों की ओर से इस तरह की कोई सूचना नहीं मिली है. अन्य केन्द्रों पर इस तरह की बातें सुनने में आई हैं. उन्होंने बताया कि इस तरह की सूचना मिलती रहती हैं. उनके यहां इंटरमीडिएट की भौतिक विज्ञान, अंग्रेजी और हिन्दी साहित्य है. इसके अलावा ट्रेड और कम्प्यूटर की कॉपियां हैं. 3 तारीख अंतिम समय सीमा है. भौतिकी की कॉपियों को जांचने में दिक्कत आ रही है. प्रैक्टिकल एग्जाम की वजह से परीक्षक बाहर गए थे. इसके साथ ही उनके यहां पर भी प्रैक्टिकल एग्जाम चल रहे थे. 4 से 5 तारीख तक कॉपियों का मूल्यांकन कार्य पूरा हो जाएगा.


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