(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
10वीं की परीक्षाएं रद्द होने से स्टूडेंट्स मायूस लेकिन परीक्षा में बैठने देने के मौके पर जतायी खुशी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सीबीएसई की परीक्षाएं रद्द करने की अपील की थी. केजरीवाल और शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि बच्चों की सेहत बेहद महत्वपूर्ण है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की बैठक के बाद सीबीएसई की परीक्षाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. कोरोना संकट को देखते हुए दसवीं की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है और 12वीं की परीक्षाओं के फिलटाल टाल दिया गया है. 12वीं की परीक्षाओं को लेकर एक जून को फिर बैठक होगी, इसमें फैसला लिया जाएगा.
इसके साथ ही कहा गया है कि परीक्षा शुरू होने से 15 दिन पहले बच्चों को जानकारी दी जाएगी. दसवीं के बच्चों को उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर नंबर देकर प्रमोट किया जाएगा. साथ ही जो बच्चे इन नंबर से संतुष्ट नहीं होंगे उन्हें परीक्षा में बैठने का भी मौका दिया जाएगा.
सीबीएसई को लेकर इस फैसले के बाद दसवीं के छात्रों ने खुशी जाहिर की है. बच्चों का कहना है कि उन्होंने परीक्षा के लिए तैयारी की थी लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए जो फैसला हुआ है वो ठीक है.
दसवीं में पढ़ने वाली एक छात्रा ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, ''अच्छा फैसला है कि हमारी सेहत को देखते हुए और कोरोना को देखते हुए परीक्षा रद्द कर दी है. नंबरों से संतुष्ट ना होने पर परीक्षा में बैठने देने का विकल्प भी अच्छा है.''
वहीं एक दूसरे छात्र ने कहा, ''परीक्षाएं रद्द नहीं होनी चाहिए थीं, बच्चों ने मेहनत की है. उनकी मेहनत पर असर पड़ेगा. लेकिन यह अच्छा है कि संतुष्ट ना होने पर परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा.''
सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं 4 मई से शुरू होकर 10 जून तक चलनी थी. सीबीएसई की इन बोर्ड परीक्षाओं की शुरुआत 4 मई से होनी थी. 6 मई को दसवीं कक्षा के छात्रों के लिए इंग्लिश की परीक्षा आयोजित की जानी थी.
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