लखनऊः कोरोना काल मे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो और उनका साल खराब न हो इसके लिए ऑनलाइन पढ़ाई एक विकल्प के रूप में सामने आया था. पढ़ाई के बाद परीक्षाएं भी ऑनलाइन होने लगी. लेकिन जब इन ऑनलाइन परीक्षाओं के रिजल्ट सामने आए तो टीचर्स हैरान हो गए. वजह थी कि अचानक से एवरेज और बिलो एवरेज स्टूडेंट्स के नंबर भी टॉपर्स के बराबर आने लगे. जब टीचर्स ने इन्हीं बच्चों के सेम सब्जेक्ट में ऑफलाइन एग्जाम कराए तो सारी हकीकत सामने आ गयी. और इस हकीकत ने ऑनलाइन व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.


ऑनलाइन परीक्षा में छात्रों ने की नकल


गोमतीनगर विशाल खंड के एक नामी स्कूल में ऑनलाइन परीक्षाएं कराई गई थी. कक्षा 12वीं के एक स्टूडेंट के एक विषय में 70 में 53 अंक कुल 76 फीसदी अंक आए. इसके बाद जब इसी स्टूडेंट ने उसी विषय की स्कूल खुलने के बाद लिखित परीक्षा दी तो महज 12 अंक यानी 17 फीसदी अंक ही आए. लेकिन ये अकेला ऐसा स्टूडेंट नहीं था.


स्कूल के अधिकतर स्टूडेंट्स के अंक ऑफलाइन परीक्षा में ऑनलाइन के मुकाबले काफी कम हो गए. स्कूल ने बाकायदा पूरा चार्ट बनाकर एनालिसिस किया. स्कूल की प्रिंसिपल आभा अनंत ने बताया कि हाल ही में पेरेंट्स को बुलाया और ये बात बताई गए. प्रिन्सिपल का मानना है कि कहीं न कहीं ऑनलाइन परीक्षा में बच्चे उस ईमानदारी से परीक्षा नही दे रहे.


ऑफलाइन परीक्षा में सामने आया सच


गोमतीनगर एक्सटेंशन के एक बड़े स्कूल में भी यही बात देखने को मिली. स्कूल प्रिंसिपल ऋचा खन्ना ने बताया कि उनके यहां कक्षा 11वीं में 1 स्टूडेंट के केमिस्ट्री में ऑनलाइन परीक्षा से 70 में 63 अंक आए. टीचर को पता था कि वो स्टूडेंट पढ़ाई में इतना अच्छा कभी परफॉर्म नहीं किया. जब उसी स्टूडेंट की ऑफ लाइन परीक्षा हुई तो उसी विषय में सिर्फ 23 अंक आए.


जिसका मतलब एकदन साफ है कि ऑनलाइन परीक्षा में 90 फीसदी जबकि ऑफ लाइन परीक्षा में सिर्फ 33 फीसदी अंक आए. ऐसा कई स्टूडेंट्स के रिजल्ट में देखने को मिला. इतना ही नहीं कक्षा 12वीं में फिजिकल एजुकेशन के प्री बोर्ड के ऑनलाइन पेपर में कई स्टूडेंट्स के आंसर एक जैसे मिले. जब चेक किया गया तो पता चला कि वो गूगल का कंटेंट था.


स्कूल को ऑफलाइन परीक्षा पर भरोसा


ये हाल सिर्फ इन दो स्कूल का नहीं बल्कि अन्य स्कूल्स में भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. प्रिंसिपल्स, टीचर्स का मानना है की ऑनलाइन एग्जाम में बच्चों पर निगरानी न होने की वजह से वो नकल का सहारा भी ले रहे हैं. ये बड़ी समस्या है. इसी वजह से अब ये स्कूल्स ऑफ लाइन परीक्षा के ही मूड में हैं. बहरहाल इन मामलों ने पूरी ऑनलाइन परीक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है.


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