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जेएनयू में फीस बढ़ने के बाद बिहार के इस युवक का दर्द सुनिए, हालात ये हैं कि अब आगे पढ़ना मुश्किल

जेएनयू में फीस बढ़ने से यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले गरीब होनहार छात्र पढ़ाई तक छोड़ने को मजबूर दिखाई दे रहे हैं.

नई दिल्ली: भारत की विख्यात यूनिवर्सिटी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) इन दिनों सुर्खियां बटोरे हुए है. यूनिवर्सिटी में छात्र फीस में बढ़ोतरी को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों के इन प्रदर्शन में सभी छात्र संगठनों का समर्थन है. प्रदर्शन का नेतृत्व जहां जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन और लेफ्ट पार्टियां कर रही हैं वहीं, एबीवीपी, एनएसयूआई, बापसा जैसे संगठन भी फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ हैं.

दरअसल यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा असर उन छात्रों पर पड़ा है जो कि होनहार हैं लेकिन गरीब परिवार से आते हैं. एक इंटरनल सर्वे के मुताबिक जेएनयू में पढ़ने वाले करीब 40 परसेंट छात्र बेहद गरीब परिवार से आते हैं. कुछ करने का जुनून और मेधावी होने के चलते ये यहां आ जाते है लेकिन फीस बढ़ोतरी के इस फैसले ने उन छात्रों के हौंसले को पस्त कर दिए है.

जेएनयू में पढ़ने वाले मणिकांत पटेल बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले है. पिता विजय कुमार सिंह किसान हैं और घर मे अकेले कमाने वाले हैं. मणिकांत के पिता की सालाना कमाई सिर्फ 1 लाख रुपए है. मणिकांत ने अफसर बनने का सपना देखा था. मेधावी छात्र से इसलिए एंट्रेंस के बाद जेएनयू जैसी यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिल गया. यहां मणिकांत ने एमए जियोग्राफी कर रहे है मणिकांत लेकिन अब शायद मणिकांत को पढ़ाई ही छोड़नी पड़ेगी क्योंकि प्रशासन होस्टल मेन्यू मे फीस इतनी बढ़ा दी है की ये उसे दे पाना मणिकांत के लिए मुश्किल है.

मणिकांत का कहना है कि पहले होस्टल, मेस और दूसरे खर्चे इन्हें करीब 2800 से तीन हजार के पड़ते थे, जिसमे इन्हें दो हजार रुपए स्कॉलरशिप के भी मिल जाते थे लेकिन अब होस्टल और दूसरे खर्चे फीस बढ़ने के बाद इन्हें आठ से नौ हजार रुपए तक पड़ेंगे. मतलब हर महीने करीब पांच हजार रुपए ज्यादा का खर्च होना वाजिब है. इस हिसाब से साल भर का इन्हें 60 हजार रुपये ज्यादा देना होगा. पिता की सालाना इनकम ही करीब 1 लाख के आसपास है तो कैसे इतनी फीस भर पाएंगे. मणिकांत का कहना है की अगर वापस फीस कम नहीं की गई तो उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ेगी.

मणिकांत पटेल 21

औरंगाबाद बिहार

एम आए जियोग्राफी

पिता-विजय कुमार सिंह, किसान

घर में माता, 2 भाई, 1 बहन

पहले का खर्च 2500 से 3 हजार प्रति माह अब का खर्च 8 से 9 हजार प्रति माह पिता की सालाना कमाई 1 लाख 8 हजार.

इन फीस में हुई है बढ़ोतरी

बता दें कि जेएनयू प्रशासन ने जिन फीस में बढ़ोतरी की है उनमें वन टाइम सिक्योरिटी चार्ज (रिफंडेबल) फीस, सर्विस चार्ज और रूम रेंट (सिंगल और डबल प्रमुख) हैं. वन टाइम सिक्योरिटी चार्ज (रिफंडेबल) फीस जो कि पहले 5500 रुपये थी उसे बढ़ाकर अब 12 हजार रुपये कर दिया गया है. इसी के साथ सर्विस चार्ज की बात करें तो यह पहले शून्य था लेकिन इसे अब बढ़ाकर 1700 रुपये महीने कर दिया गया है.

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