CDC की रिपोर्ट में खुलासा- कोरोना के मामूली लक्ष्ण वाले मरीजों में हफ्तों बाद भी पाए गए महामारी के लक्षण
डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन सेंटर ने शुक्रवार को माना है कि कोविड-19 मरीजों की बड़ी तादाद तेजी से ठीक नहीं होती बल्कि उनमें थकान और खांसी के लक्षण लंबे समय तक रहते हैं.
वैज्ञानिक समुदाय कोविड-19 के बारे में जितना ज्यादा शोध कर रहे हैं जानकारी का दायरा व्यापक होता जा रहा है. अब एक नए शोध में बताया गया है कि कोरोना वायरस के मरीज में हफ्तों बाद भी लक्षण मौजूद रहते हैं. सबसे ज्यादा चौंकानेवाली बात ये है कि ये मरीज बहुत ज्यादा बीमार नहीं हुए थे और न ही अस्पताल में दाखिल किए गए थे. बल्कि ये वो लोग थे जिनको कोरोना वायरस संक्रमण के मामूली लक्षण थे.
कोविड-19 के शोध में चौंकानेवाला खुलासा
डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन सेंटर ने शुक्रवार को माना है कि कोविड-19 मरीजों की बड़ी तादाद तेजी से ठीक नहीं होती बल्कि उनमें थकान और खांसी के लक्षण लंबे समय तक रहते हैं. अप्रैल और जून के बीच शोधकर्ताओं ने RT-PCT की जांच में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का फोन पर इंटरव्यू किया. शोध में थकान, खांसी, सिर दर्द, बदन दर्द, बुखार, सूंघने और स्वाद की शक्ति का क्षरण, डायरिया, गले में खराश, छाती दर्द, पेट दर्द, मतिभ्रम और उल्टी जैसे लक्षणों को शामिल किया गया. डॉयग्नोसिस के समय 71 फीसद लोगों ने थकान, 61 फीसद ने खांसी और 61 फीसद लोगों ने सिर दर्द की शिकायत की.
लंबे समय तक लक्षण की बात आई सामने
इंटरव्यू में शामिल 270 लोगों के 2-3 सप्ताह बाद डाटा का जब अध्ययन किया गया तो 35 फीसद लोगों ने लक्षण से जूझने की शिकायत की जबकि 65 फीसद लोगों ने कहा कि उन्हें अभी भी स्वस्थ्य होने में समय लग रहा है. उन्हें खांसी और सांस लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था. शुरुआत में 43 फीसद लोगों ने खांसी रहने की शिकायत की जबकि 35 फीसद लोगों में थकान के लक्षण पाए गए. करीब 30 फीसद लोगों ने सांस लेने में हो रही दुश्वारियों के बारे में बताया.