नई दिल्ली: कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन की डोज मिक्स करने पर किए गए अध्ययन से बेहतर परिणाम सामने आए हैं. ये जानकारी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने दी है. आईसीएमआर ने कहा है कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड की मिक्सिंग और मैचिंग स्टडी में बेहतर परिणाम देखने को मिले. आईसीएमआर ने अध्ययन में पाया है कि एडिनोवायरस वेक्टर प्लेटफॉर्म आधारित वैक्सीन (कोविशील्ड) के बाद अगर इन एक्टिवेटिड होल वायरल वैक्सीन (कोवैक्सीन) से इम्युनाइजेशन किया जाए तो नतीजा ज्यादा असरदार होता है. 




पिछले महीने, डीसीजीआई के एक विशेषज्ञ पैनल ने कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सनी की मिश्रित खुराक पर एक अध्ययन करने की सिफारिश की थी. पैनल ने भारत बायोटेक को उसकी कोवैक्सीन और प्रशिक्षण स्तर के संभावित एडेनोवायरल इंट्रानैसल टीके बीबीवी154 के परस्पर परिवर्तन पर अध्ययन करने के लिए मंजूरी देने की भी सिफारिश की थी, लेकिन हैदराबाद स्थित कंपनी को अपने अध्ययन से 'परस्पर परिवर्तन' शब्द हटाने को कहा है और मंजूरी के लिए संशोधित प्रोटोकॉल जमा कराने को कहा है.


विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने विस्तृत विचार विमर्श के बाद वेल्लोर के सीएमसी को चौथे चरण का क्लिनिकल परीक्षण करने की अनुमति देने की सिफारिश की, जिसमें कोविड​​-19 टीकों, कोवैक्सिन और कोविशील्ड के मिश्रण पर अध्ययन करने के लिए 300 स्वस्थ स्वयंसेवकों को शामिल किया जाएगा. अध्ययन का मकसद यह पता लगाना है कि क्या एक शख्स के पूर्ण टीकाकरण के लिए दो अलग-अलग टीकों की खुराकें लगाई जा सकती हैं यानी, एक टीका कोवैक्सीन का लगा दिया जाए और दूसरा टीका कोविशील्ड का लगाया जाए.


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