दिल्ली हिंसा के बीच इंसानियत की मिसाल बने सुभाष और रामवती, ऐसे की मदद
दिल्ली हिंसा में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए. इसके अलावा हिंसा में 42 लोगों की मौत हुई.दिल्ली हिंसा के बीच कई लोगों ने इंसानियत का परिचय दिया.
नई दिल्ली: दिल्ली में हुई हिंसा को लगभग एक हफ्ता हो गया है. ऐसे में अब हालात समान्य होने जा रहे हैं. वहीं दिल्ली में हुई हिंसा के बीच में कई चेहरे ऐसे भी सामने आए जिन्होंने इंसानियत की मिसाल कायम की. अब दिल्ली के लोग हिंसा को भुलाकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहें हैं. सभी यही चाहते हैं कि वह मिलजुल कर रहें और दोबारा ऐसी कोई घटना ना हो.
हिंसा के बीच इंसानियत कि ऐसी ही एक मिसाल पेश की अशोक नगर में रहने वाले सुभाष शर्मा ने. लोग इन्हे पंडित जी के नाम से भी जानते हैं. इनके घर के पास ही एक धार्मिक स्थल है जिसे दंगों में उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया लेकिन बिना किसी डर के सुभाष और उनके बेटों ने उस आग को बुझा दिया. जिसकी वजह से आग ज्यादा आगे नहीं बढ़ी. यहां तक इलाके के सभी लोग मदद के लिए आगे आ गए.
सुभाष शर्मा ने बताया कि हजारों की संख्या में उपद्रवियों ने हमला किया था. उन सभी के मुंह ढके हुए थे. जैसे ही वो आग लगा के आग बढ़े सुभाष ने अपने बोरवेल से पाइप के जरिये पानी बुझाना शुरू कर दिया. जिसके बाद आग पर काबू पा लिया गया. स्थानीय निवासी दिलशाद का कहना है कि वह बचपन से उस जगह के पास रह रहें हैं जहां पर आग लगाई गई. दिलशाद ने बताया के सुभाष ने आग बुझाई यही नहीं रामवती ने हैदर के घर में उपद्रवियों को घुसने से रोका. जिसके कारण कई लोगों की जान बची.
अपनी बहदुरी से उपद्रवियों को खदेड़ने वाली रामवती ने बताया कि उनके ठेले में भी उपद्रवियों ने आग लगा दी थी. लेकिन उसने उन्हें खदेड़ दिया और किसी के भी घर के अंदर घुसने नहीं दिया. रामवती ने कहा कि वह सभी बाहर के लोग थे. गली में तो सब कई सालों से शांति से रह रहे हैं. अब वो चाहती हैं के शांति बहाल हो और जिस तरह की हिंसा हुई वो अब दुबारा ना हो.
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