कोलकाता: स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस समारोह में शामिल हुई. हालांकि इस समारोह में ममता बनर्जी भड़क गईं और भाषण देने से इनकार कर दिया. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समारोह में संबोधन दिया. पीएम मोदी ने कहा कि कोलकाता में आना उनके लिए लिए बहुत भावुक कर देने वाला क्षण है. पीएम ने कहा कि बचपन से जब भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम सुना, मैं किसी भी स्थिति-परिस्थिति में रहा, इस नाम से एक नई ऊर्जा से भर गया.


यहां जानिए पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें...


- पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद भारत के सपने को नई दिशा दी थी. उन्होंने अंग्रेजों से कहा था कि मैं तुमसे आजादी मांगूंगा नहीं, छीन लूंगा.


- पीएम मोदी ने नेताजी की ऊर्जा, आदर्श, तपस्या, त्याग को देश के हर युवा के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा बताया.


- पीएम ने कहा कि भारत नेताजी की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है, हम सभी का कर्तव्य है कि उनके योगदान को पीढ़ी दर पीढ़ी याद किया जाए. देश ने तय किया है कि अब हर वर्ष नेताजी की जयंती, यानी 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया करेंगे.


- पीएम ने कहा कि देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है. ऐसे वक्त में नेताजी का जीवन, उनका हर कार्य, उनका हर फैसला, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है.


- पीएम ने बताया कि विश्व युद्ध के माहौल में देशों के बीच पल-पल बदलते रिश्तों के बीच नेताजी हर देश में जाकर भारत के लिए समर्थन मांग रहे थे, ताकि भारत आजाद हो सके, हम और आप आजाद भारत में सांस ले सकें.



- पीएम ने कहा कि देश पीड़ित, शोषित वंचित को, अपने किसान को, देश की महिलाओं को सशक्त करने के लिए दिन-रात एक कर रहा है. आज हर एक गरीब को मुफ्त इलाज की सुविधा के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही.


- पीएम ने कहा कि नेताजी ने कहा था कि आजाद भारत के सपने में कभी भरोसा मत खोइए. दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है जो भारत को बांधकर रख सके.


- नेताजी जिस भी स्वरूप में हमें देख रहे हैं, हमें आशीर्वाद दे रहे हैं. जिस भारत की उन्होंने कल्पना की थी, LAC से लेकर LOC तक, भारत का यही अवतार दुनिया देख रही है.


- पीएम मोदी ने कहा कि जहां कहीं से भी भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिश की गई, भारत उसका मुंहतोड़ जवाब दे रहा है.


- नेताजी आत्मनिर्भर भारत के सपने के साथ ही सोनार बांग्ला की भी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं. जो भूमिका नेताजी ने देश की आजादी में निभाई थी, वही भूमिका पश्चिम बंगाल को आत्मनिर्भर भारत में निभानी है.


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