RSS Chief Mohan Bhagwat: 23 जनवरी, 1897 को जन्मे महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 127वीं जयंती है. इस मौके पर देश में अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए. इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) चीफ मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल के 24 परगना में मंगलवार (23 जनवरी) को एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया.


इस मौके पर उन्होंने नेताजी को याद करते हुए कहा, “सुभाष चंद्र बोस जी ने अपने जीवन में अपने लिए नहीं सोच कर, देश के लिए सोचा. धर्म किसी में भेद नहीं करता है. धर्म सभी को एक करने का काम करता है. सभी मनुष्यों को धर्म और अध्यात्म के रास्ते पर चलने का प्रयास करना चाहिए."


आरएसएस चीफ ने कहा, "सुभाष चंद्र बोस भी धर्म पर चलते थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन धर्म के लिए जिया है. सुभाष बाबू के चिंतन और हमारे चिंतन में कोई भेदभाव नहीं है.”


‘आजादी मिलने के बाद हम अपने स्वार्थ को लेकर सो गए’


मोहन भागवत ने आगे कहा, ''सुभाष चंद्र बोस आधुनिक भारत के निर्माताओं में से एक हैं. इसलिए, हमें उनके जीवन चरित्र से, उनके गुणों से अवगत होना चाहिए. क्या हम वास्तव में जानते हैं कि स्वतंत्रता सेनानियों ने किन सपनों के साथ देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था?"






आरएसएस प्रमुख ने कहा, "आजादी मिलने के बाद हम अपने स्वार्थ को लेकर सो गये. हमें 'मेरा परिवार' और 'मैं' से आगे कुछ नहीं दिखता. अहंकार, स्वार्थ और मतभेद की बेड़ियां जारी हैं. इसलिए, हमें अपने ऊपर किए गए नेताजी के उपकारों को कृतज्ञतापूर्वक याद करने की जरूरत है.''


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