सुभाष चोपड़ा बने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष, 'पूर्वांचली' कीर्ति आजाद को मिली प्रचार समिति की कमान
सुभाष चोपड़ा दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं. पंजाबी समुदाय से आने वाले चोपड़ा तीन बार विधायक रह चुके हैं. चोपड़ा के साथ पूर्वांचली नेता के तौर पर कीर्ति आजाद को प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया है.
नई दिल्ली: लंबे इंतजार के बाद बुधवार शाम दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष की घोषणा की गई. वरिष्ठ नेता सुभाष चोपड़ा को दिल्ली कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया गया है. इसके साथ ही कीर्ति आजाद को दिल्ली प्रचार अभियान समिति की कमान दी गई है. आपको बता दें कि शीला दीक्षित के निधन के बाद करीब 3 महीने से दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी खाली थी. दिल्ली कांग्रेस के नए अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा पूर्व में भी 1999 से 2003 तक प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. उनकी उम्र 70 साल है.
... तब भी ली थी शीला दीक्षित की जगह एक संयोग ये है कि पिछली बार जब सुभाष चोपड़ा दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे तब भी उन्होंने शीला दीक्षित की जगह ली थी. 1998 में शीला दीक्षित दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष थीं जब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई थी और शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री बनाया गया. तब शीला दीक्षित के बाद 1999 में सुभाष चोपड़ा को दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था. सुभाष चोपड़ा दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं. पंजाबी समुदाय से आने वाले चोपड़ा तीन बार विधायक रह चुके हैं.
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'अनुभवी' चोपड़ा की चुनौती कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चोपड़ा को बड़ी जिम्मेदारी दी है. फरवरी से पहले दिल्ली में विधानसभा का चुनाव है. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था. हालांकि उसके बाद नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने प्रदर्शन में सुधार किया और फिर लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को तीसरे स्थान पर धकेल कर दूसरा स्थान हासिल कर लिया लेकिन बावजूद इसके दिल्ली की राजनीति में कांग्रेस की छवि तीसरे नम्बर की पार्टी की बनी हुई है. जाहिर है दिल्ली में केजरीवाल बनाम मोदी की लड़ाई में चोपड़ा को नाकों चने चबाने होंगे. इसके अलावा दिल्ली कांग्रेस को गुटबाजी से दूर रखने की चुनौती उनके सामने अलग से है. हालांकि वरिष्ठता के कारण सुभाष चोपड़ा को दिल्ली कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं का समर्थन हासिल है.
दिल्ली में कांग्रेस का पूर्वांचली चेहरा बने कीर्ति आजाद चोपड़ा के साथ पूर्वांचली नेता के तौर पर कीर्ति आजाद को प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. कुछ दिनों पहले तक कीर्ति आजाद दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे थे. उनके नाम पर आलाकमान की मंजूरी भी मिल गई थी लेकिन 'बाहरी' होने के कारण उनके नाम का पार्टी में काफी विरोध हुआ था. इसके बाद सुभाष चोपड़ा के नाम पर सहमति बनी.
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पूर्व क्रिकेटर आजाद बिहार के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस नेता स्वर्गीय भागवत झा आजाद के बेटे हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1993 में बीजेपी की टिकट पर गोल मार्किट (नई दिल्ली) विधानसभा से जीत दर्ज कर की थी. 1998 में शीला दीक्षित से हारने के बाद वो बिहार की दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने लगे. 2015 में आजाद को बीजेपी से निलंबित किया गया था. इसी साल आजाद ने कांग्रेस का दामन थामा और झारखंड के धनबाद से लोकसभा का चुनाव लड़े लेकिन हार हुई. दिल्ली में कांग्रेस उन्हें दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी के काट के रूप में लाई है.
दिल्ली कांग्रेस नेताओं ने ली 'राहत की सांस'! चोपड़ा और आजाद की नई जोड़ी दिल्ली में कांग्रेस का ग्राफ कैसे ऊपर जाती है ये देखने वाली बात होगी. बहरहाल दिल्ली कांग्रेस के नेता इसी बात से राहत की सांस ले रहे हैं कि कम से कम प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा तो हुई. एक नेता ने बताया कि आलाकमान ने अच्छा फैसला लिया है लेकिन ये काफी पहले हो जाना चाहिए था. देरी से कांगेस को काफी नुकसान हुआ है.