नई दिल्ली: गोवा में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. उसके दो विधायक कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. मनोहर पर्रिकर के बीमार होने के बाद कांग्रेस लगातार सरकार बनाने का दावा कर रही थी. सुबह करीब 11 बजे के आसपास गोवा कांग्रेस के दो विधायक सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोपते ने अमित शाह से मुलाकात की. इसके बाद ये साफ हो गया कि गोवा में कांग्रेस में टूटन तय है. आखिरकार सुभाष शिरोडकर ने बीजेपी में शामिल होने का एलान कर दिया.


बीजेपी में शामिल कांग्रेस विधायक सुभाष शिरोडकर ने कहा, पहली बार कांग्रेस छोडी है, बार-बार पार्टी नही बदलता. खदान, विकास जैसे मुद्दे अहम हैं और बीजेपी ये सब ठीक कर सकती है. बीजेपी के मुख्यमंत्री रहे लक्ष्मीकांत पारसेकर को हराने वाले दयानंद सोपते भी बीजेपी में शामिल हो गए. उनका कहना है कि राजनीति की शुरुआत बीजेपी से की थी अब घर वापसी हुई है.


इन विधायकों के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होंते ही विधानसभा का गणित भी बदल गया. दोनों के विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद बहुमत का आंकड़ा 21 से गिरकर 20 हो गया है. गोवा में 2017 में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था. और बीजेपी ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, गोवा फोरवॉर्ड पार्टी के तीन-तीन विधायको सहित तीन निर्दलीय विधायको और एक एनसीपी के विधायक के समर्थन से सरकार बनाई थी.


कांग्रेस को 17 सीटें मिली थी जबकि बीजेपी को 13 सीटें मिली थी. बाद में विश्वजीत राणे ने कांग्रेस के विधायक पद से इस्तीफा देकर बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता था. अब वही विश्वजीत राणे, कांग्रेस के किले में सेंध लगाने वाले मुख्य सूत्रधार बन गए हैं. आज भी कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए विधायकों को विश्वजीत राणे ही तोड़ कर लाये हैं.


सूत्रों के मुताबिक गोवा कांग्रेस के कुछ और विधायक भी बीजेपी के संपर्क में हैं. अगर कांग्रेस में और टूट हुई तो बीजेपी सरकार के ऊपर से दूसरे सहयोगी दलों का दवाब कम हो जाएगा. वही कांग्रेस का सबसे बड़ी पार्टी का दावा भी कमजोर हो जाएगा. इन कांग्रेस विधायकों के बीजेपी में शामिल होने से दोनों दलों की विधानसभा में विधायक संख्या 14-14 यानी बराबर जो गई है. कांग्रेस इस टूट को सत्ता का भयंकर दुरुपयोग बता रही है.


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कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, सत्ता का दरुपयोग हो रहा है. आतंक और भय का माहौल बनाया जा रहा है. जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विरोधी पार्टियों को तोड़ा जा रहा है. फिलहाल पांच राज्यो में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए ये बड़ा झटका है और अभी कुछ और विधायक कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. इसका असर विधानसभा चुनावों के प्रचार पर भी दिखाई दे सकता है.


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