Subramanian Swamy Statement On Kerala Government: केरल (Kerala) के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) के 9 यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों के इस्तीफे की मांग का मामला अब सियासी रंग लेने लगा है. राज्यपाल के इस फैसले से नाराज राज्य सरकार ने उनके खिलाफ प्रदर्शन का एलान किया है. इस विवाद में अब बीजेपी (BJP) भी कूद पड़ी है. भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanyam Swamy) ने बुधवार (26 अक्टूबर) को कहा कि अगर केरल सरकार (Kerala Government) राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ कोई कदम उठाती हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को उसे बर्खास्त कर देना चाहिए.
सुब्रमण्य स्वामी ने ट्विटर पर लिखा कि केरल के पागल कम्युनिस्टों को यह महसूस करने दें कि केरल के राज्यपाल संविधान में भारत के राष्ट्रपति और इसलिए केंद्र का प्रतनिधित्व करते हैं. वह मोदी सरकार से आग्रह करते हैं कि अगर राज्यपाल के एक बाल को भी छुआ गया तो वह राज्य सरकार को बर्खास्त करने के लिए तैयार रहें.
राज्यपाल ने खिलाफ प्रदर्शन का एलान
दरअसल, बीजेपी नेता सुब्रमण्य स्वामी का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने रविवार (23 अक्टूबर) को 9 यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों का इस्तीफा मांग लिया था. इससे पहले केरल की सत्तारूढ़ एलडीएफ सरकार ने नवंबर में राज्यपाल के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शनों की घोषणा की थी. वाम लोकतांत्रिक मोर्चा ने रविवार ( 23 अक्टूबर) को एक बैठक बुलाई, जिसमें 15 नवंबर को राजभवन के बाहर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ विरोध मार्च निकालने का फैसला किया गया.
राज्य सरकार ने जिला स्तर पर भी बड़े पैमाने पर धरना प्रदर्शन किए जाने का एलान किया है. यही नहीं माकपा के राज्य सचिव एमवी गोविंदन और भाकपा के राज्य सचिव कनम राजेंद्रन ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पर अपने चांसलर पद का दुरुपयोग करने करने और आरएसएस के एजेंडे को लागू करने का आरोप भी लगाया.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये आदेश
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पिछले हफ्ते इस मामले को लेकर एक आदेश जारी किया था. जिसके बाद केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने 9 यूनिवर्सिटिज के कुलपतियों का इस्तीफा मांगा. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि नौ कुलपतियों में एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय भी शामिल है. राज्यपाल ने ट्विटर पर 8 यूनिवर्सिटिज के कुलपतियों को 24 अक्टूबर 2022 को सुबह 11:30 बजे तक अपना इस्तीफा देने का निर्देश दिया था. उन्होंने बताया कि इस संबंध में संबंधित विश्विद्यालयों के कुलपतियों और रजिस्ट्रारों को भी चिट्ठी ईमेल की गई है.
इसे भी पढ़ेंः-