अयोध्या फैसला: सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार से कहा- वीएचपी के दिवंगत नेता अशोक सिंघल को मिले भारत रत्न
सुब्रमण्यम स्वामी ने वीएचपी के दिवंगत नेता अशोक सिंघल के लिए भारत रत्न दिए जाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि इस जीत की घड़ी में नमो सरकार को अशोक सिंघल के लिए भारत रत्न की घोषणा करनी चाहिए.
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन रामलला को दिया. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद के दिवंगत नेता अशोक सिंघल को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए.
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए कहा, ''जीत की इस घड़ी में श्री अशोक सिंघल को याद किया जाए. नमो सरकार को उनके लिए फौरन भारत रत्न की घोषणा करनी चाहिए.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''जब भगवान राम चाहते थे, तभी मंदिर के पुनर्निर्माण के लिये हरी झंडी दिखाई जा रही है. जय श्री राम.''
At this hour of victory let us remember Shri Ashok Singhal. Namo Govt must immediately announce Bharat Ratna for him
— Subramanian Swamy (@Swamy39) November 9, 2019
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में
आज सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से किए गए फैसले में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित भूमि को रामलला को सौंपने का फैसला किया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित किया जाए. जिस पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने ये फैसला सुनाया. इसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.
1045 पन्नों का है पूरा फैसला
पूरा फैसला 1045 पन्नों का है, इसमें 929 पन्नें एक मत से हैं जबकि 116 पन्नें अलग से हैं. एक जज ने फैसले से अलग राय जताई है. अभी जज के नाम का कोई जिक्र नहीं है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर 40 दिन सुनवाई चली. 6 अगस्त 2019 से इसपर सुनवाई शुरू हुई. 16 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली.
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