Subramanian Swamy On China: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और बीजेपी (BJP) के खिलाफ बेबाकी से अपनी बात रखने वाले सुब्रमण्यम स्वामी एक बार फिर अपने बयान के लिए चर्चा में बने हुए हैं. स्वामी चीन पर भारत की नीति को लेकर कई बार अपनी राय बता चुके हैं. वे कई बार यह कह चुके हैं कि चीन पर पीएम मोदी ने देश से झूठ बोला है. वहीं उन्होंने दोबारा चीन पर पीएम मोदी की नीति को लेकर निशाना साधा है.
सुब्रमण्यम स्वामी ट्विटर पर काफी एक्टिव रहते हैं और आए दिन सरकार के खिलाफ कुछ ना कुछ लिखते रहते हैं. सोमवार को एक यूजर ने एक पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए लिखा, "पीएम मोदी केवल हमारी अगली पीढ़ी को दुर्भाग्य से बचाने के लिए खड़े हुए हैं... मुझे समझ नहीं आता कि कितने मंदबुद्धि लोग यह बात नहीं समझते."
'उन्होंने हमसे झूठ कहा है'
यूजर के पोस्ट पर स्वामी ने रिप्लाई किया. उन्होंने लिखा, "इस दुर्भाग्य से बचने के लिए उन्होंने लद्दाख के बड़े हिस्से को सौंप दिया है और हमसे झूठ कहा है कि "कोई आया नहीं"... हमलावर शी (चीन के राष्ट्रपति) से हाथ मिलाने के लिए एक आदमी खड़ा है." स्वामी के इस रिप्लाई पर यूजर ने प्रतिकिया दी और लिखा, "आप जैसे महान व्यक्ति को इन सबसे ऊपर होना चाहिए... सिर्फ पीएम मोदी को कोसने के लिए यह नहीं होना चाहिए."
स्वामी ने दोबारा यूजर को रिप्लाई किया. उन्होंने लिखा, "आपका मतलब है कि मैं मोदी से बड़ा हूं, लेकिन वो ऐसा नहीं समझते हैं. वो मेरे लिए बच्चे नहीं हैं कि मैं उन्हें लॉलीपॉप दूं."
स्वामी को मिला ऐसा रिएक्शन
सुब्रमण्यम स्वामी की प्रतिक्रिया पर यूजर्स के भी रिएक्शन आए. कई यूजर्स को स्वामी की बात से सहमत दिखे तो कुछ ने स्वामी से इसका सबूत मांग लिया. माया कुमार नाम के यूजर ने लिखा, "ट्वीट करने के बजाय संसद में सबूत क्यों नहीं दिखाते, जिससे आपको कुछ प्रतिक्रियाएं मिलेंगी. क्यों न बहस करें और जवाब मांगें." वहीं जगदीश नाम के यूजर ने पीएम मोदी से पूछा कि स्वामी के ट्वीट पर आप क्या कहना चाहेंगे.
'युद्ध समस्या का समाधान नहीं'
गौरतलब है कि तीन हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया (Indonesia) के बाली में आयोजित जी-20 देशों (G-20 Countries) की बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सलाह दी थी कि आज का दौर युद्ध का नहीं है. मोदी ने कहा था कि युद्ध समस्या का समाधान नहीं हो सकता है. वहीं इसे आधार बनाते हुए स्वामी ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी.
'चीन से जंग जरूरी है'
सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट कर लिखा कि इसे हर मुद्दे के समाधान का सिद्धांत नहीं बनाया जा सकता है. उन्होंने लिखा कि 1996 में हुए समझौते के बाद भी चीन ने 2020 में एलओसी पार की थी और लद्दाख क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था. यह आक्रामकता है और युद्ध ही इसका समाधान है.
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