नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर को लेकर राजनीति के मैदान में माहौल गर्म है. सरकार से लगातार कानून बनाकर राम मंदिर बनाने को लेकर मांग हो रही है. हालांकि प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया है कि पहले अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे फिर कोई कदम उठाएंगे. राम मंदिर मामले में देरी के लिए प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं.


इस बीच बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आज एक बार फिर सरकार से चुनाव के पहले राम मंदिर बनाने का काम शुरू करने की मांग की है. इससे पहले आरएसएस ने भी चुनाव से पहले सरकार से राम मंदिर बनाने के लिए कानून लाने की बात कही. वहीं संत समाज भी लगातार कह रहा है कि हम राम मंदिर के लिए अनंतकाल तक इंतजार नहीं कर सकते हैं, सरकार मंदिर के लिए कानून बनाए.


सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि राममंदिर बना तो ही बीजेपी जीत सकती है. मंदिर बना तो अखिलेश और मायावती के गठबंधन को पांच से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी. स्वामी ने कहा, ''मैं नरेंद्र मोदी से कहता हूं कि जमीन किसकी है इस पर तो सुप्रीम कोर्ट में तो सुनवाई चल रही है. संविधान के मुताबिक सरकार सर्वोपरि है. सरकार अगर किसी की जमीन लेती है तो उसे मुआवजा देना होता है. मैं कहता हूं कि सरकार को मुआवजा देने का फैसला लेना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट को बताना चाहिए कि आप 10 साल, 20 साल में फैसला करें हमे कोई ऐतराज नहीं है लेकिन जमीन सरकार की है. जब सुप्रीम कोर्ट तय करेगी कि जमीन का मालिक कौन है तो सरकार उसको मुआवजा देगी.''


स्वामी ने कहा, ''राम मंदिर बन जाएगा तो यूपी में गठबंधन को पांच सीट भी नहीं मिलेगी, 75 सीट बीजेपी को मिलेगी. अगर मंदिर नहीं बना तो हमारे कार्यकर्ता का उत्साह पहले से घट जाएगा फिर लोग हमें गाली देंगे. राम मंदिर का काम शुरू किए चुनाव में जाना आत्म हत्या के बराबर है.''


राम मंदिर पर प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठ में प्रधानमंत्री ने कहा, ''कांग्रेस अपने वकीलों के माध्यम से अयोध्या मामले में न्याय प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने का काम कर रही है. कांग्रेस ने देश के मुख्य न्यायाधीश को हहटाने के लिए उन पर आरोप लगाकप महाभियोग की तैयारी की थी. कांग्रेस नहीं चाहती कि अयोध्या मामले का हल आए, इसके लिए उनके वकील सुप्रीम कोर्ट गए थे. हमें कांग्रेस का ये रवैया भूलना नहीं है और किसी को भूलने देना भी नहीं है.''


अध्यादेश पर प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
साल के शुरुआत में दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा था, '' पीएम मोदी ने कहा है कि राम मंदिर पर हमारी सरकार अध्यादेश नहीं लाएगी. पीएम मोदी ने कहा है कि कानूनी प्रक्रिया के बाद ही राम मंदिर पर फैसला किया जाएगा. पीएम मोदी ने कहा है, ''राम मंदिर को लेकर जब तक कानूनी प्रक्रिया चल रही है तब तक अध्यादेश लाने का विचार नहीं है.'' उन्होंने कहा, ''कानूनी प्रक्रिया इसलिए धीमी है, क्योंकि वहां कांग्रेस के वकील हैं. जो सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में रुकावट पैदा कर रहे हैं.''


सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर क्या हुआ?
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एक बार मिली है नई तारीख. अब मामला 29 जनवरी को सुना जाएगा. 10 जनवरी को सुनवाई करने बैठी 5 जजों की बेंच में जस्टिस यु यु ललित मौजूदगी पर मुस्लिम पक्ष के वकील ने एतराज़ जताया. जिसके चलते जस्टिस ललित ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया. इस वजह से अब यह मामला नई बेच के सामने लगाया जाएगा.