नई दिल्ली: बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आठ पन्नों की चिट्ठी लिखकर मशहूर पत्रकार विनीत नारायण और उनकी संस्था द ब्रज फाउंडेशन के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. स्वामी ने विनीत नारायण के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग भी है. सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर बताया, ''21वीं सदी के नटवर लाल विनीत नारायण के खिलाफ आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को मेरी आठ पन्नों की चिट्ठी मिली. इस कुटिल व्यक्ति ने विशेषकर वृंदावन क्षेत्र में कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए बड़ी संख्या में संपत्तियों को लूटा. यह चार लोगों के गैंग की लीग में शामिल है.''
स्वामी ने आरोप लगाया है कि विनीत नारायण ने ब्रज क्षेत्र का मास्टर प्लान बनाने का ठेका लिया ॊलेकिन सहयोगी कंपनी से झगड़ा होने का बाद उन्होंने इस काम को पूरा नहीं किया. इसके लिए उन्हें 57.65 लाख रुपये भी दिए गए. इसके साथ ही स्वामी ने विनीत नारायण पर समाज सेवा के नाम पर पैसा ऐंठने का आरोप भी लगाया है. इतना ही योगी अदित्यनाथ को लिखी चिट्ठी में स्वामी ने बताया है कि विनीत नारायण और उनकी संस्था ने ब्रज क्षेत्र में अवैध कब्जा कर वहां रहने वाले दलितों को धमकाया और उन्हें जान से मारने की धमकी दी. उनके लिए जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किए और महिलाओं के साथ मारपीट की गई. स्वामी ने विनीत नारायण पर अवैध बालू उत्खनन का आरोप भी लगाया है.
ब्रज के मास्टर प्लान को लेकर क्या आरोप लगाए?
सुब्रमण्यम स्वामी ने मुख्यमंत्री को लिखी अपनी चिट्ठी में बताया, ''साल 2008 मायावती सरकार में विनीत नारायण और उनकी संस्था द ब्रज फाउंडेशन को मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण से ब्रज क्षेत्र का मास्टर प्लान बनाने का ठेका मिला. इसके लिए द ब्रज फाउंडेशन ने आईएलएंडएफएस नाम की कंपनी के साथ करार किया. इन्हें प्राधिकरण की ओर से 17.50 लाख रुपये दिए गए. डीपीआर बनाने के लिए इन्हें दो करोड़ रुपये दिए जाने थे लेकिन खराब काम की वजह स इन्हें सिर्फ 10.15 लाख रुपये दिए गए. कुल मिलाकर मास्टर प्लान बनाने के लिए इ्न्हें 57.65 लाख रुपये का भुगतान किया गया. द ब्रज फाउंडेशन और आईएलएंडएफएस ने प्राधिकरण को उम्मीद जताई थी कि अपने स्तर पर पैसे की व्यवस्था कर काम पूरा कर देंगे. इसके बाद द ब्रज फाउंडेशन और आईएलएंडएफएस में झगड़ा हो गया और इन्होंने 57.65 लाख रुपये बनाने के बाद भी अपने वादे के मुताबिक काम नहीं किया.''
स्वामी ने चिट्ठी में आरोप लगाया कि विनीत नारायण द ब्रज फाउंडेशन के नाम पर 'धाम सेवा' की बात करते हैं और इसके लिए उद्योगपतियों से पैसा भी लाते हैं. इस पैसे में से कुछ का ही इस्तेमाल होता है बाकी पैसा ये हजम कर जाते हैं. असल में 'धाम सेवा' में नहीं 'दाम सेवा' कर रहे हैं.
स्वामी का आरोप- कुंडों के जीर्णोंद्धार के नाम पर उगाही
स्वामी ने चिट्ठी में आरोप लगाया कि साल 2009 में विनीत नारायण ने कुंडों के जीर्णोद्धार के नाम पर उगाही की योजना बनाई. इसके लिए कोशिश की सरकार उनकी संस्था को जलाशयों और कुंडों के जीर्णोंद्धार का काम सौंप दे. लेकिन इस कोशिश वे असफल रहे. इसके बाद विनीत नारायण ने पिछले दरबाजे से नियमों के खिलाफ जाकर प्रधानों से एमओयू करते कुंडों का जीर्णोद्धार किया. जबकि नियम कहता है कि बिना डीएम या एडीएम की इजाजत के ग्राम समाज की किसी संपत्ति का जीर्णोद्धार ब्रज फाउंडेशन नहीं कर सकता था.
चिट्ठी में स्वामी ने उन जलाशयों और कुंडों का भी जिक्र जिनके जीर्णोद्धार का काम विनीत नारायण के द ब्रज फाउंडेशन ने किया. स्वामी ने ये भी आरोप लगाया कि इस काम के लिए विनीत नारायण ने निजी स्रोतों के जरिए धन उगाही की और सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल किया. स्वामी का कहना है कि जीर्णोद्धार के नाम पर विनीत नारायण ने तमाम गरीब किसानों को उनकी जमीन से बेदखल कर दिया. यह किसान अब यहां वहां की ठोकरें खा रहे हैं.
स्वामी का आरोप- गलत तरीके से संस्था केंद्र की योजना में बनी सिटी एंकर
सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया है कि गलत तरीके से विनीत नारायण की संस्था केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय की ह्रदय योजना में मथुरा में सिटी एंकर बन गई है. आरोप है कि यह योजना मथुरा में अब दम तोड़ चुकी है और अभी तक इसमें सिर्फ 29 प्रतिशत काम ही हुआ है. स्वामीने हैरानी जताते हुए लिखा कि मथुरा में ह्रदय योजना ठप्प करने के बावजूद विनीत नारायण पर ना तो केंद्र सराकर ने कोई कार्रवाई की और ना ही राज्य सरकार ने.